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निलंबित राज्यसभा सांसद केके रागेश ने उपसभापति हरिवंश को लिखी खुली चिट्ठी- 'लोग बार-बार बेवकूफ नहीं बनेंगे'
- Thursday September 24, 2020
- Reported by: स्नेहा मेरी कोशी, सुकीर्ति द्विवेदी, Translated by: तूलिका कुशवाहा
सीपीआई (एम) के सांसद केके रागेश ने अपनी चिट्ठी में उपसभापति को उनकी चाय की कूटनीति पर बधाई दी लेकिन कहा कि 'ऐसी नौटंकी से लोगों को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता.' और यह भी कहा कि 'राजनीतिक बराबरी को आत्मसात' करने को लेकर उनका रुख 'दोहरा (हिपोक्रिटिकल)' था.
- ndtv.in
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किसान विधेयकों को लेकर केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों से की अपील- वॉकआउट का ड्रामा नहीं, राज्यसभा में...
- Friday September 18, 2020
- Edited by: तूलिका कुशवाहा
लोकसभा में पास हो चुके तीन किसान विधेयकों को लेकर अरविंद केजरीवाल भी मैदान में आ गए हैं. केजरीवाल ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में उतरते हुए कहा कि केंद्र सरकार के ये विधेयक किसानों को बड़ी कंपनियों के हाथों शोषण के लिए छोड़ देंगे. उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों से राज्यसभा में एकजुट होकर इसका विरोध करने को कहा.
- ndtv.in
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BJP का सबसे पुराना सहयोगी अकाली दल क्यों है नाराज़...? समझिए, किसान विधेयक से जुड़े विवाद को
- Friday September 18, 2020
- Reported by: मोहम्मद ग़ज़ाली, Translated by: तूलिका कुशवाहा
भारतीय जनता पार्टी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जबरदस्त नाराज चल रही है. यहां तक कि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा तक दे दिया. उन्होंने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.’ वहीं दल के प्रमुख और उनके पति सुखबीर सिंह बादल लगातार इन विधेयकों को लेकर कड़ा विरोध कर रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए में बने रहने पर बाद में फैसला करेगी. लेकिन आखिर मामला इतना बढ़ क्यों गया है और क्या हैं वो विधेयक, जिन पर पार्टी इस कदर विरोध पर उतर आई है.
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निलंबित राज्यसभा सांसद केके रागेश ने उपसभापति हरिवंश को लिखी खुली चिट्ठी- 'लोग बार-बार बेवकूफ नहीं बनेंगे'
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सीपीआई (एम) के सांसद केके रागेश ने अपनी चिट्ठी में उपसभापति को उनकी चाय की कूटनीति पर बधाई दी लेकिन कहा कि 'ऐसी नौटंकी से लोगों को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता.' और यह भी कहा कि 'राजनीतिक बराबरी को आत्मसात' करने को लेकर उनका रुख 'दोहरा (हिपोक्रिटिकल)' था.
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- Friday September 18, 2020
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लोकसभा में पास हो चुके तीन किसान विधेयकों को लेकर अरविंद केजरीवाल भी मैदान में आ गए हैं. केजरीवाल ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में उतरते हुए कहा कि केंद्र सरकार के ये विधेयक किसानों को बड़ी कंपनियों के हाथों शोषण के लिए छोड़ देंगे. उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों से राज्यसभा में एकजुट होकर इसका विरोध करने को कहा.
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- Friday September 18, 2020
- Reported by: मोहम्मद ग़ज़ाली, Translated by: तूलिका कुशवाहा
भारतीय जनता पार्टी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जबरदस्त नाराज चल रही है. यहां तक कि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा तक दे दिया. उन्होंने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.’ वहीं दल के प्रमुख और उनके पति सुखबीर सिंह बादल लगातार इन विधेयकों को लेकर कड़ा विरोध कर रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए में बने रहने पर बाद में फैसला करेगी. लेकिन आखिर मामला इतना बढ़ क्यों गया है और क्या हैं वो विधेयक, जिन पर पार्टी इस कदर विरोध पर उतर आई है.
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