World | Reported by: भाषा, Edited by: वर्तिका |शुक्रवार जुलाई 1, 2022 08:04 PM IST उत्सर्जन (Emission) में भारी कटौती में देरी का मतलब होगा कि दुनिया के तापमान (Temperature) में दो डिग्री सेल्सियस की अधिकता होना तय है. इस ओवरशूट (Overshoot) की धरती (Earth) पर जीवन को ऐसी कीमत चुकानी होगी, जिसकी भरपाई तकनीक नहीं कर पाएगी. यह एक जीवित ग्रह के लिए अस्तित्व की लड़ाई है.