विज्ञापन

Dom Raja

'Dom Raja' - 2 News Result(s)
  • "22 जनवरी हमारी यादों में हमेशा रहेगी": राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल यजमानों ने कहा

    "22 जनवरी हमारी यादों में हमेशा रहेगी": राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल यजमानों ने कहा

    प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह के लिए यजमान का कर्तव्य निभाने के लिए देश भर से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और सवर्ण वर्गों के 14 जोड़ों को चुना गया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने 16 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुरू हुए दैनिक अनुष्ठान की अध्यक्षता की.

  • बनारस के डोम राजा का निधन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बने थे चुनाव में प्रस्तावक

    बनारस के डोम राजा का निधन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बने थे चुनाव में प्रस्तावक

    वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शर्मा के अनुसार राजा नाम उनके परिवार ने खुद नहीं रखा है, बल्कि जनता ने उनके परिवार को ये नाम दिया है. डोम राजा का परिवार धीरे-धीरे काफी बड़ा होता गया और इस वक़्त करीब 100-150 लोगों का परिवार है जो न सिर्फ काशी बल्कि जौनपुर, बलिया, गाजीपुर के अलावा अन्य जगहों पर रहते हैं और दाह संस्कार कराते है. दो घाट पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है. बाकी दिन बेगारी.   

'Dom Raja' - 2 News Result(s)
  • "22 जनवरी हमारी यादों में हमेशा रहेगी": राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल यजमानों ने कहा

    "22 जनवरी हमारी यादों में हमेशा रहेगी": राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल यजमानों ने कहा

    प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह के लिए यजमान का कर्तव्य निभाने के लिए देश भर से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और सवर्ण वर्गों के 14 जोड़ों को चुना गया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने 16 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुरू हुए दैनिक अनुष्ठान की अध्यक्षता की.

  • बनारस के डोम राजा का निधन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बने थे चुनाव में प्रस्तावक

    बनारस के डोम राजा का निधन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बने थे चुनाव में प्रस्तावक

    वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शर्मा के अनुसार राजा नाम उनके परिवार ने खुद नहीं रखा है, बल्कि जनता ने उनके परिवार को ये नाम दिया है. डोम राजा का परिवार धीरे-धीरे काफी बड़ा होता गया और इस वक़्त करीब 100-150 लोगों का परिवार है जो न सिर्फ काशी बल्कि जौनपुर, बलिया, गाजीपुर के अलावा अन्य जगहों पर रहते हैं और दाह संस्कार कराते है. दो घाट पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है. बाकी दिन बेगारी.   

डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination