Disqualified Karnataka Mlas Case
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कर्नाटक के अयोग्य विधायकों पर फैसले के तुरंत बाद अमित शाह ने की बैठक, इस मुद्दे पर हुई बात
- Wednesday November 13, 2019
- आईएएनएस
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक के 17 बागी विधायकों पर फैसला देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP{) के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक की.
- ndtv.in
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अयोग्य ही कहलाएंगे कर्नाटक के बागी विधायक, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली उपचुनाव लड़ने की अनुमति
- Wednesday November 13, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में 14 विधायक कांग्रेस के जबकि तीन विधायक जेडीएस से हैं.
- ndtv.in
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कर्नाटक के 17 अयोग्य MLAs की याचिका: एक जज ने खुद को सुनवाई से किया अलग, मामला CJI के पास भेजा गया
- Tuesday September 17, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
विधायकों ने अयोग्य ठहराए जाने को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन बताया क्योंकि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि विश्वास मत के दौरान सदन में उपस्थित होने के लिए बाध्य करने के लिए स्पीकर द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा सकता. उन्होंने अध्यक्ष पर 10 वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत अयोग्य ठहराने के आरोपों को गलत बताया और कहा है कि अनिवार्य नोटिस अवधि के बिना निर्णय लिया गया.
- ndtv.in
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कर्नाटक के अयोग्य विधायकों पर फैसले के तुरंत बाद अमित शाह ने की बैठक, इस मुद्दे पर हुई बात
- Wednesday November 13, 2019
- आईएएनएस
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक के 17 बागी विधायकों पर फैसला देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP{) के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक की.
- ndtv.in
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अयोग्य ही कहलाएंगे कर्नाटक के बागी विधायक, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली उपचुनाव लड़ने की अनुमति
- Wednesday November 13, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में 14 विधायक कांग्रेस के जबकि तीन विधायक जेडीएस से हैं.
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कर्नाटक के 17 अयोग्य MLAs की याचिका: एक जज ने खुद को सुनवाई से किया अलग, मामला CJI के पास भेजा गया
- Tuesday September 17, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
विधायकों ने अयोग्य ठहराए जाने को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन बताया क्योंकि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि विश्वास मत के दौरान सदन में उपस्थित होने के लिए बाध्य करने के लिए स्पीकर द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा सकता. उन्होंने अध्यक्ष पर 10 वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत अयोग्य ठहराने के आरोपों को गलत बताया और कहा है कि अनिवार्य नोटिस अवधि के बिना निर्णय लिया गया.
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