Dignity Of Justice
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निर्भया के इंसाफ़ की गरिमा बनाए रखें- उसे जल्दबाज़ी भरे प्रतिशोध में न बदलें
- Wednesday January 22, 2020
- प्रियदर्शन
निर्भया की मां आशा देवी का दुख निस्संदेह बहुत बड़ा है. इस दुख को समझना मुश्किल नहीं है. उनकी बेटी के साथ बहुत बर्बर और घृणित व्यवहार हुआ और उसके मुजरिमों को अब तक सज़ा नहीं मिली है. लेकिन सांत्वना की बात इतनी भर है कि ये मुजरिम सजा के बिल्कुल आख़िरी सिरे पर हैं, ख़ुद को मिले अंतिम क़ानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इनकी सज़ा के लिए गिनती के दिन रह गए हैं. यही नहीं, न्याय से जुड़ी संस्थाएं जितनी तेज़ी से न्याय की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही हैं, वह रफ़्तार किसी और केस में दिखाई नहीं पड़ती.
- ndtv.in
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निर्भया के इंसाफ़ की गरिमा बनाए रखें- उसे जल्दबाज़ी भरे प्रतिशोध में न बदलें
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निर्भया की मां आशा देवी का दुख निस्संदेह बहुत बड़ा है. इस दुख को समझना मुश्किल नहीं है. उनकी बेटी के साथ बहुत बर्बर और घृणित व्यवहार हुआ और उसके मुजरिमों को अब तक सज़ा नहीं मिली है. लेकिन सांत्वना की बात इतनी भर है कि ये मुजरिम सजा के बिल्कुल आख़िरी सिरे पर हैं, ख़ुद को मिले अंतिम क़ानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इनकी सज़ा के लिए गिनती के दिन रह गए हैं. यही नहीं, न्याय से जुड़ी संस्थाएं जितनी तेज़ी से न्याय की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही हैं, वह रफ़्तार किसी और केस में दिखाई नहीं पड़ती.
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