Defence Ministry Letter
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Explainer: सैन्य छावनियों का नागरिक क्षेत्रों पर नियंत्रण होगा खत्म, जानिए इसके क्या हैं मायने?
- Sunday June 30, 2024
केंद्र सरकार नागरिक क्षेत्रों (Civilian Areas) को रक्षा क्षेत्रों (Defence Areas) से अलग करने की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है. देश की 13 सैन्य छावनियों (Military Cantonments) की संपत्तियों के अधिकार स्थानीय नगर निगमों, नगर पालिकाओं को हस्तांतरित किए जाएंगे. इसका अर्थ यह है कि सैन्य स्टेशन सेना के पास रहेंगे, जबकि उनके बाहर के क्षेत्र राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.
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ndtv.in
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रक्षा मंत्रालय ने सैन्य अधिकारियों के रैंक और स्टेटस में कमी से जुड़ा 'विवादित आदेश' वापस लिया
- Saturday January 6, 2018
- NDTVKhabar News Desk
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़े फैसले के तहत सशस्त्र बलों से जुड़ा सरकार के एक विवादित आदेश को शुक्रवार को वापस लेने की घोषणा की, जिसे दो साल पहले सैन्य अधिकारियों और उनके असैन्य समकक्षों के बीच समान दर्जा करने को लेकर जारी किया गया था. ये आदेश सशस्त्र बलों की रैंक और स्टेटस में कमी करने को लेकर था. 2016 के आदेश के मुताबिक, सशस्त्र बल सिविल सेवा के एक प्रधान निदेशक को ब्रिगेडियर बनाए जाने के बजाय एक मेजर जनरल के बराबर की रैंक पर लाया गया था. पहले कर्नल की रैंक के बराबर किए जाने वाले अधिकारियों को अब ब्रिगेडियर बनाया जाएगा और संयुक्त निदेशक को कर्नल बनाए जाने के बजाय लेफ्टिनेट कर्नल बनाया जाएगा.
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सैन्य अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे नहीं लाया जाएगा: पर्रिकर
- Tuesday October 25, 2016
- Rajeev Ranjan
सेना के अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे नहीं लाया जाया जाएगा. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को ये भरोसा दिलाया. उनका कहना है कि अगर ऐसी कोई विसंगति हुई है तो सात दिनों के अंदर उसे दूर किया जाएगा. हालांकि रक्षा मंत्रालय की एक चिठ्ठी से सेना के अधिकारियों में ये अंदेशा है कि उनकी हैसियत कम हो गई है.
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Explainer: सैन्य छावनियों का नागरिक क्षेत्रों पर नियंत्रण होगा खत्म, जानिए इसके क्या हैं मायने?
- Sunday June 30, 2024
केंद्र सरकार नागरिक क्षेत्रों (Civilian Areas) को रक्षा क्षेत्रों (Defence Areas) से अलग करने की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है. देश की 13 सैन्य छावनियों (Military Cantonments) की संपत्तियों के अधिकार स्थानीय नगर निगमों, नगर पालिकाओं को हस्तांतरित किए जाएंगे. इसका अर्थ यह है कि सैन्य स्टेशन सेना के पास रहेंगे, जबकि उनके बाहर के क्षेत्र राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.
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रक्षा मंत्रालय ने सैन्य अधिकारियों के रैंक और स्टेटस में कमी से जुड़ा 'विवादित आदेश' वापस लिया
- Saturday January 6, 2018
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रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़े फैसले के तहत सशस्त्र बलों से जुड़ा सरकार के एक विवादित आदेश को शुक्रवार को वापस लेने की घोषणा की, जिसे दो साल पहले सैन्य अधिकारियों और उनके असैन्य समकक्षों के बीच समान दर्जा करने को लेकर जारी किया गया था. ये आदेश सशस्त्र बलों की रैंक और स्टेटस में कमी करने को लेकर था. 2016 के आदेश के मुताबिक, सशस्त्र बल सिविल सेवा के एक प्रधान निदेशक को ब्रिगेडियर बनाए जाने के बजाय एक मेजर जनरल के बराबर की रैंक पर लाया गया था. पहले कर्नल की रैंक के बराबर किए जाने वाले अधिकारियों को अब ब्रिगेडियर बनाया जाएगा और संयुक्त निदेशक को कर्नल बनाए जाने के बजाय लेफ्टिनेट कर्नल बनाया जाएगा.
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सैन्य अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे नहीं लाया जाएगा: पर्रिकर
- Tuesday October 25, 2016
- Rajeev Ranjan
सेना के अधिकारियों को उनकी बराबरी के प्रशासनिक अधिकारियों से नीचे नहीं लाया जाया जाएगा. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को ये भरोसा दिलाया. उनका कहना है कि अगर ऐसी कोई विसंगति हुई है तो सात दिनों के अंदर उसे दूर किया जाएगा. हालांकि रक्षा मंत्रालय की एक चिठ्ठी से सेना के अधिकारियों में ये अंदेशा है कि उनकी हैसियत कम हो गई है.
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