Constitutional Bench In Ayodhya Case
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Ayodhya Case: जौनपुर के रहने वाले हैं जस्टिस अशोक भूषण, जानिए संविधान पीठ में शामिल जजों के बारे में
- Thursday October 17, 2019
अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के ज़मीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो चुकी है. इस पर 17 नंवबर से पहले फ़ैसला सुनाया जा सकता है क्योंकि इसी तारीख को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले ने लगातार 40 दिन तक सुनवाई की है. इस बेंच में CJI रंजन गोगाई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नज़ीर शामिल हैं. यह संविधान पीठ इलाहाबाद हाइकोर्ट के 2010 में दिए गए उस फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
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अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्षकार के वकील ने उठाए जस्टिस ललित पर सवाल, CJI ने कहा- बनेगी नई बेंच, अगली सुनवाई 29 जनवरी को
- Thursday January 10, 2019
पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ (Constitution Bench) के सदस्य जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) ने गुरुवार को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक नई पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की. पीठ के बैठते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि जस्टिस ललित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी करने के लिए 1994 में अदालत में पेश हुए थे.
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अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद केस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज करेगी सुनवाई
- Thursday January 10, 2019
अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद के केस की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की नई संविधान पीठ (Constitution Bench) करेगी. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ करेगी. सुनवाई करने वाली संविधान पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हैं.
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Ayodhya Case: जौनपुर के रहने वाले हैं जस्टिस अशोक भूषण, जानिए संविधान पीठ में शामिल जजों के बारे में
- Thursday October 17, 2019
अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के ज़मीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो चुकी है. इस पर 17 नंवबर से पहले फ़ैसला सुनाया जा सकता है क्योंकि इसी तारीख को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले ने लगातार 40 दिन तक सुनवाई की है. इस बेंच में CJI रंजन गोगाई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नज़ीर शामिल हैं. यह संविधान पीठ इलाहाबाद हाइकोर्ट के 2010 में दिए गए उस फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
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अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्षकार के वकील ने उठाए जस्टिस ललित पर सवाल, CJI ने कहा- बनेगी नई बेंच, अगली सुनवाई 29 जनवरी को
- Thursday January 10, 2019
पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ (Constitution Bench) के सदस्य जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) ने गुरुवार को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक नई पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की. पीठ के बैठते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि जस्टिस ललित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी करने के लिए 1994 में अदालत में पेश हुए थे.
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अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद केस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज करेगी सुनवाई
- Thursday January 10, 2019
अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद के केस की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की नई संविधान पीठ (Constitution Bench) करेगी. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ करेगी. सुनवाई करने वाली संविधान पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हैं.
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