India | Reported by: आशीष भार्गव |बुधवार फ़रवरी 6, 2019 12:19 PM IST सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम बड़े मुद्दे पर बहस कर रहे हैं कि जब कोई मामला अदालत में लंबित हो तो क्या कोर्ट की आलोचना कर पब्लिक ऑपिनियन बनाना किसी पक्ष के न्याय पाने के अधिकार का हनन करता है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को इस नोटिस पर तीन हफ्ते जवाब देने के लिए कहा है. वहीं अटॉर्नी जनरल और केंद्र सरकार को उनके जवाब पर एक हफ्ते में अपना जवाब देने देगा. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई सात मार्च को करेगा.