Chardham Highway Development Programme
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चारधाम परियोजना का मामला : सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की सरकार की अर्जी पर फिर से होगा विचार, SC का आदेश
- Wednesday December 2, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
चारधाम परियोजना का उद्देश्य सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है. इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी. इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है. अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है.
- ndtv.in
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Exclusive : मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी चारधाम हाइवे प्रोजेक्ट न बन जाए कहीं विनाशकारी आपदा की वजह
- Saturday April 7, 2018
- Reported by: हृदयेश जोशी, Edited by: मानस मिश्रा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी में चल रही सुनवाई के दौरान ये साफ हो गया कि उत्तराखंड में निर्माणाधीन चारधाम सड़क परियोजना में पर्यावरण नियमों की जमकर अनदेखी हो रही है. यह बात ग्राउंड रिपोर्ट और जानकारों की चेतावनियों में सामने आती रही हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 900 किलोमीटर लम्बे प्रोजेक्ट को 53 टुकड़ों में बांट कर दिखाया है ताकि इन्वायरमेंटल क्लीयरेंस यानी पर्यावरण संबंधी हरी झंडी न लेनी पड़े.
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चारधाम परियोजना का मामला : सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की सरकार की अर्जी पर फिर से होगा विचार, SC का आदेश
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चारधाम परियोजना का उद्देश्य सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है. इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी. इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है. अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है.
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Exclusive : मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी चारधाम हाइवे प्रोजेक्ट न बन जाए कहीं विनाशकारी आपदा की वजह
- Saturday April 7, 2018
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी में चल रही सुनवाई के दौरान ये साफ हो गया कि उत्तराखंड में निर्माणाधीन चारधाम सड़क परियोजना में पर्यावरण नियमों की जमकर अनदेखी हो रही है. यह बात ग्राउंड रिपोर्ट और जानकारों की चेतावनियों में सामने आती रही हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 900 किलोमीटर लम्बे प्रोजेक्ट को 53 टुकड़ों में बांट कर दिखाया है ताकि इन्वायरमेंटल क्लीयरेंस यानी पर्यावरण संबंधी हरी झंडी न लेनी पड़े.
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