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पाकिस्तान को अपने बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक पहचान मिली
- Friday January 29, 2021
- Reported by: भाषा
इस अधिनियम के तहत, एक जीआई रजिस्ट्री का गठन किया गया है, जो जीआई को पंजीकृत करेगा तथा जीआई के प्रोपराइटर और अधिकृत इस्तेमालकर्ता के बुनियादी रिकॉर्ड को रखेगा.” उन्होंने कहा कि यह दुरुपयोग या नकल के खिलाफ हमारे उत्पादों की सुरक्षा प्रदान करेगा और गारंटी देगा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनका हिस्सा संरक्षित है. ‘‘मैं आपको उन उत्पादों के संबंध में अपने सुझाव भेजने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जो पाकिस्तान के बौद्धिक संपदा संगठन के लिए जीआई के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं.’’
- ndtv.in
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पाकिस्तान में स्थानीय उत्पाद के रूप में पंजीकृत नहीं है बासमती, फिर भी भारतीय दावे को दी चुनौती
- Wednesday December 30, 2020
- Reported by: भाषा
एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. कानून के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी उत्पाद का पंजीकरण कराने से पहले उसे उस देश के भौगोलिक संकेतक (जीआई) कानूनों के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए. समाचार पत्र ‘द डॉन’ ने बताया कि पाकिस्तान में इस साल मार्च में लागू हुए भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 2020 में ऐसा कोई नियम नहीं हैं और बासमती अभी तक पाकिस्तान में एक संरक्षित उत्पाद नहीं है.
- ndtv.in
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बासमती चावल GI टैग मामला: शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र
- Saturday August 8, 2020
- Reported by: अखिलेश शर्मा
मध्यप्रदेश को बासमती चावल की जीआई टैग मिलने के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीति तेज हो गयी है. पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब तथा अन्य राज्यों के हित में मध्यप्रदेश को बासमती चावल की जीआई टैग की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था.
- ndtv.in
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बासमती चावल की वजह से मध्यप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों में ठनी
- Friday August 7, 2020
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: मानस मिश्रा
बासमती चावल की वजह से मध्यप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों में ठन गई है. मामला प्रधानमंत्री दफ्तर तक पहुंच गया है. 'कड़कनाथ' मुर्गे के बाद मध्यप्रदेश ने बासमती चावल के जीआई टैग के लिए फिर अपना दावा ठोका है. जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मध्यप्रदेश बासमती उगाने वाले विशेष क्षेत्र में नहीं आता. ऐसे में उसे बासमती का जीआई टैग देना जीआई टैगिंग के उद्देश्य को ही बर्बाद कर देगा. मध्यप्रदेश में तो 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल, यूरिया जैसे मुद्दे तो हैं ही, अब दो राज्यों के बीच चावल युद्ध से भी कांग्रेस-बीजेपी के बीच नई लड़ाई शुरू हो गई है.
- ndtv.in
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पाकिस्तान को अपने बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक पहचान मिली
- Friday January 29, 2021
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इस अधिनियम के तहत, एक जीआई रजिस्ट्री का गठन किया गया है, जो जीआई को पंजीकृत करेगा तथा जीआई के प्रोपराइटर और अधिकृत इस्तेमालकर्ता के बुनियादी रिकॉर्ड को रखेगा.” उन्होंने कहा कि यह दुरुपयोग या नकल के खिलाफ हमारे उत्पादों की सुरक्षा प्रदान करेगा और गारंटी देगा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनका हिस्सा संरक्षित है. ‘‘मैं आपको उन उत्पादों के संबंध में अपने सुझाव भेजने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जो पाकिस्तान के बौद्धिक संपदा संगठन के लिए जीआई के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं.’’
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पाकिस्तान में स्थानीय उत्पाद के रूप में पंजीकृत नहीं है बासमती, फिर भी भारतीय दावे को दी चुनौती
- Wednesday December 30, 2020
- Reported by: भाषा
एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. कानून के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी उत्पाद का पंजीकरण कराने से पहले उसे उस देश के भौगोलिक संकेतक (जीआई) कानूनों के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए. समाचार पत्र ‘द डॉन’ ने बताया कि पाकिस्तान में इस साल मार्च में लागू हुए भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 2020 में ऐसा कोई नियम नहीं हैं और बासमती अभी तक पाकिस्तान में एक संरक्षित उत्पाद नहीं है.
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बासमती चावल GI टैग मामला: शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र
- Saturday August 8, 2020
- Reported by: अखिलेश शर्मा
मध्यप्रदेश को बासमती चावल की जीआई टैग मिलने के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीति तेज हो गयी है. पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब तथा अन्य राज्यों के हित में मध्यप्रदेश को बासमती चावल की जीआई टैग की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था.
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बासमती चावल की वजह से मध्यप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों में ठनी
- Friday August 7, 2020
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: मानस मिश्रा
बासमती चावल की वजह से मध्यप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों में ठन गई है. मामला प्रधानमंत्री दफ्तर तक पहुंच गया है. 'कड़कनाथ' मुर्गे के बाद मध्यप्रदेश ने बासमती चावल के जीआई टैग के लिए फिर अपना दावा ठोका है. जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मध्यप्रदेश बासमती उगाने वाले विशेष क्षेत्र में नहीं आता. ऐसे में उसे बासमती का जीआई टैग देना जीआई टैगिंग के उद्देश्य को ही बर्बाद कर देगा. मध्यप्रदेश में तो 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल, यूरिया जैसे मुद्दे तो हैं ही, अब दो राज्यों के बीच चावल युद्ध से भी कांग्रेस-बीजेपी के बीच नई लड़ाई शुरू हो गई है.
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