Baat Pate Ki Of Priyadarshan
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प्रियदर्शन की बात पते की : कहीं चेहरा न चूर-चूर हो जाए
- Monday May 11, 2015
- Priyadarshan
यह पहली बार नहीं है जब कोई नेता या मुख्यमंत्री पत्रकारिता से परेशान रहा हो और उसे सबक सिखाना चाहता रहा हो। कभी जगन्नाथ मिश्र ने यह कोशिश की, कभी राजीव गांधी ने यह कोशिश की, और तो और लालू यादव ने भी एक दौर में पीली पत्रकारिता की शिकायत की थी। अब अरविंद केजरीवाल यह शिकायत कर रहे हैं।
- ndtv.in
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प्रियदर्शन की बात पते की : पत्रकारिता के जोखिम
- Wednesday September 3, 2014
- Priyadarshan
वो मुजरिम नहीं थे, लेकिन उनके सिर कलम कर लिए गए। उनके परिवार उनकी राह देखते रहे, लेकिन पहुंची बस उनके मारे जाने की ख़बर। उनका गुनाह बस इतना था कि वो सच को अपनी आंखों से देखना समझना चाहते थे। राजनीति की दी हुई कैफ़ियतें उन्हें मंज़ूर नहीं थी।
- ndtv.in
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प्रियदर्शन की बात पते की : कहीं चेहरा न चूर-चूर हो जाए
- Monday May 11, 2015
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यह पहली बार नहीं है जब कोई नेता या मुख्यमंत्री पत्रकारिता से परेशान रहा हो और उसे सबक सिखाना चाहता रहा हो। कभी जगन्नाथ मिश्र ने यह कोशिश की, कभी राजीव गांधी ने यह कोशिश की, और तो और लालू यादव ने भी एक दौर में पीली पत्रकारिता की शिकायत की थी। अब अरविंद केजरीवाल यह शिकायत कर रहे हैं।
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प्रियदर्शन की बात पते की : पत्रकारिता के जोखिम
- Wednesday September 3, 2014
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वो मुजरिम नहीं थे, लेकिन उनके सिर कलम कर लिए गए। उनके परिवार उनकी राह देखते रहे, लेकिन पहुंची बस उनके मारे जाने की ख़बर। उनका गुनाह बस इतना था कि वो सच को अपनी आंखों से देखना समझना चाहते थे। राजनीति की दी हुई कैफ़ियतें उन्हें मंज़ूर नहीं थी।
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