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Attack On Religion

'Attack On Religion' - 2 News Result(s)
  • बेंगलुरु पुलिस ने RSS कार्यकर्ता पर हमले के आरोपियों का धर्म भी बताया!

    बेंगलुरु पुलिस ने RSS कार्यकर्ता पर हमले के आरोपियों का धर्म भी बताया!

    बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को उन छह आरोपियों का धर्म भी बताया जिन्हें आरएसएस के एक कर्यकर्ता पर हमले के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस की प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि सभी आरोपी मुसलमान हैं. हालांकि बेंगलुरु साउथ के बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ निशाने पर वे थे. आरएसएस कार्यकर्ता वरुण जब सीएए के समर्थन में 22 दिसम्बर को बुलाई गई रैली से लौट रहे थे तो उन पर जानलेवा हमला हुआ और इस सिलसिले में यह छह लोग पकड़े गए. बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि उनके निशाने पर वे थे.

  • प्राइम टाइम इंट्रो : धर्म की आलोचना की सीमा क्या हो?

    पेरिस की घटना ने हमें फिर से उन सवालों के सामने पहुंचा दिया है जिसका जवाब तो हम जानते हैं मगर हर बार वो जवाब कुछ कम पड़ जाता है। इन सवालों के नाम हर बार अलग होते हैं। कभी अभिव्यक्ति की आज़ादी का सवाल, भावनाओं के आहत होने के सवाल, उदारता और सहनशीलता पर सकंट के सवाल, उकसाने से लेकर आदर के सवाल।

'Attack On Religion' - 2 News Result(s)
  • बेंगलुरु पुलिस ने RSS कार्यकर्ता पर हमले के आरोपियों का धर्म भी बताया!

    बेंगलुरु पुलिस ने RSS कार्यकर्ता पर हमले के आरोपियों का धर्म भी बताया!

    बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को उन छह आरोपियों का धर्म भी बताया जिन्हें आरएसएस के एक कर्यकर्ता पर हमले के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस की प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि सभी आरोपी मुसलमान हैं. हालांकि बेंगलुरु साउथ के बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ निशाने पर वे थे. आरएसएस कार्यकर्ता वरुण जब सीएए के समर्थन में 22 दिसम्बर को बुलाई गई रैली से लौट रहे थे तो उन पर जानलेवा हमला हुआ और इस सिलसिले में यह छह लोग पकड़े गए. बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि उनके निशाने पर वे थे.

  • प्राइम टाइम इंट्रो : धर्म की आलोचना की सीमा क्या हो?

    पेरिस की घटना ने हमें फिर से उन सवालों के सामने पहुंचा दिया है जिसका जवाब तो हम जानते हैं मगर हर बार वो जवाब कुछ कम पड़ जाता है। इन सवालों के नाम हर बार अलग होते हैं। कभी अभिव्यक्ति की आज़ादी का सवाल, भावनाओं के आहत होने के सवाल, उदारता और सहनशीलता पर सकंट के सवाल, उकसाने से लेकर आदर के सवाल।