Arvind Subramanian On Gst
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PM की आर्थिक सलाहकार परिषद ने पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र को खारिज किया
- Thursday June 20, 2019
- आईएएनएस
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र को खारिज कर दिया. शोध-पत्र में दावा किया गया है कि 2011-12 के बाद की जीडीपी विकास दर के आंकड़ों को ज्यादा करके आंका गया है. बिबेक देबराय की अध्यक्षता में पीएमईएसी ने सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र में कई खामियां बताईं. सुब्रह्मण्यम ने अपने शोध-पत्र 'इंडियाज जीडीपी मिस-एस्टिमेशन : लाइकलीहुड, मैग्निट्यूड्स, मेकेनिज्म्स एंड इंप्लीकेशंस' में दावा किया है कि 2011-12 से लेकर 2016-17 के बीच भारत की जीडीपी विकास दर का आंकलन सालाना 2.5 फीसदी अधिक किया गया है.
- ndtv.in
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नोटबंदी के वक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन बोले- बड़ा झटका था वह फैसला, गिर गई थी GDP
- Thursday November 29, 2018
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
सुब्रमण्यन ने कहा, 'नोटबंदी एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक झटका था. इसके बाद बाजार से 86 फीसदी मुद्रा हटा ली गई थी. इस फैसले की वजह से जीडीपी प्रभावित हुई थी. ग्रोथ पहले भी कई बाप नीचे गिरी है, लेकिन नोटबंदी के बाद यह एक दम से नीचे आ गई.' अपनी किताब के एक चैप्टर 'द टू पज़ल्स ऑफ डिमोनेटाइजेशन- पॉलिटिकल एंड इकॉनोमिक' में उन्होंने लिखा है, 'नोटबंदी से पहले छह तिमाहियों में ग्रोथ औसतन आठ फीसदी थी, जबकि उसके बाद सात तिमाहियों में यह औसत 6.8 रह गई.'
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PM की आर्थिक सलाहकार परिषद ने पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र को खारिज किया
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प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र को खारिज कर दिया. शोध-पत्र में दावा किया गया है कि 2011-12 के बाद की जीडीपी विकास दर के आंकड़ों को ज्यादा करके आंका गया है. बिबेक देबराय की अध्यक्षता में पीएमईएसी ने सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र में कई खामियां बताईं. सुब्रह्मण्यम ने अपने शोध-पत्र 'इंडियाज जीडीपी मिस-एस्टिमेशन : लाइकलीहुड, मैग्निट्यूड्स, मेकेनिज्म्स एंड इंप्लीकेशंस' में दावा किया है कि 2011-12 से लेकर 2016-17 के बीच भारत की जीडीपी विकास दर का आंकलन सालाना 2.5 फीसदी अधिक किया गया है.
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नोटबंदी के वक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन बोले- बड़ा झटका था वह फैसला, गिर गई थी GDP
- Thursday November 29, 2018
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
सुब्रमण्यन ने कहा, 'नोटबंदी एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक झटका था. इसके बाद बाजार से 86 फीसदी मुद्रा हटा ली गई थी. इस फैसले की वजह से जीडीपी प्रभावित हुई थी. ग्रोथ पहले भी कई बाप नीचे गिरी है, लेकिन नोटबंदी के बाद यह एक दम से नीचे आ गई.' अपनी किताब के एक चैप्टर 'द टू पज़ल्स ऑफ डिमोनेटाइजेशन- पॉलिटिकल एंड इकॉनोमिक' में उन्होंने लिखा है, 'नोटबंदी से पहले छह तिमाहियों में ग्रोथ औसतन आठ फीसदी थी, जबकि उसके बाद सात तिमाहियों में यह औसत 6.8 रह गई.'
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