Blogs | रवीश कुमार |बुधवार जून 16, 2021 06:04 AM IST शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना ग़ैर कानूनी नहीं है और न ही आतंकी कार्रवाई है. भड़काऊ भाषण और चक्का जाम करना ऐसे अपराध नहीं हैं कि Unlawful activities prevention act (UAPA) की संगीन धाराएं लगा दी जाएं. दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का यह सार दिल्ली पुलिस के अलावा उन लोगों के सामने आइने की तरह खड़ा है जो सिर्फ इसी बात के लिए अभियान चला रहे थे कि नागरिकता कानून के विरोधी आतंकी साज़िश कर रहे थे. दिल्ली दंगों के साज़िशकर्ता हैं. गोदी मीडिया चैनलों के स्क्रीन के आगे बैठकर आपने जिन छात्रों के बारे में ये सब कहा या सोचा आज उन्हीं के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी करते हुए करते हुए ज़मानत दे दी.