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89th Birth Anniversary

'89th Birth Anniversary' - 2 News Result(s)
  • ये हैं एपीजे अब्दुल कलाम के 5 वैज्ञानिक योगदान, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइलमैन

    ये हैं एपीजे अब्दुल कलाम के 5 वैज्ञानिक योगदान, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइलमैन

    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति बनने से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास में योगदान दिया है. एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में, कलाम ने भारत के दो प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया. हालांकि, स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों- AGNI और PRITHVI के विकास और संचालन में उनके काम ने उन्हें ''भारत के मिसाइल मैन '' की उपाधि से नवाज़ा था. इसी के साथ ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे कलाम ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी में भारत की मदद की.

  • Kishore Kumar Birth Anniversary: क्लास में टेबल को तबले की तरह बजा रहे थे किशोर, टीचर के डांटने पर यूं दिया था जवाब

    Kishore Kumar Birth Anniversary: क्लास में टेबल को तबले की तरह बजा रहे थे किशोर, टीचर के डांटने पर यूं दिया था जवाब

    और वह तृतीय श्रेणी में पास हुए थे. इस मार्कशीट की प्रति को इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर स्वरूप बाजपेई ने किशोर की यादों के साथ करीने से संजोकर रखा है. उन्होंने किशोर कुमार की 89वीं जयंती के मौके पर बताया, "किशोर की अंकसूची की यह प्रति हमारे कॉलेज की दशकों पुरानी फाइलों में दबी पड़ी थी जिस पर धूल की मोटी परत चढ़ गयी थी.

'89th Birth Anniversary' - 2 News Result(s)
  • ये हैं एपीजे अब्दुल कलाम के 5 वैज्ञानिक योगदान, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइलमैन

    ये हैं एपीजे अब्दुल कलाम के 5 वैज्ञानिक योगदान, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइलमैन

    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति बनने से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास में योगदान दिया है. एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में, कलाम ने भारत के दो प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया. हालांकि, स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों- AGNI और PRITHVI के विकास और संचालन में उनके काम ने उन्हें ''भारत के मिसाइल मैन '' की उपाधि से नवाज़ा था. इसी के साथ ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे कलाम ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी में भारत की मदद की.

  • Kishore Kumar Birth Anniversary: क्लास में टेबल को तबले की तरह बजा रहे थे किशोर, टीचर के डांटने पर यूं दिया था जवाब

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    और वह तृतीय श्रेणी में पास हुए थे. इस मार्कशीट की प्रति को इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर स्वरूप बाजपेई ने किशोर की यादों के साथ करीने से संजोकर रखा है. उन्होंने किशोर कुमार की 89वीं जयंती के मौके पर बताया, "किशोर की अंकसूची की यह प्रति हमारे कॉलेज की दशकों पुरानी फाइलों में दबी पड़ी थी जिस पर धूल की मोटी परत चढ़ गयी थी.