50 Iit Alumni
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क्यों IITians को बनानी पड़ी बहुजन आज़ाद पार्टी, पढ़ें खास बातचीत
- Saturday April 28, 2018
- Reported by: सुशील कुमार महापात्र
पिछले कुछ दिनों से बहुजन आजाद पार्टी की चर्चा काफी जोरशोर से है. ऐसा कहा जा रहा है कि 50 IITian ने अपनी नौकरी छोड़ कर पार्टी बनाई है, जिसका मुख्य मकसद है दलितों के लिए काम करना. पार्टी के जरिए ये लोग दलितों की समस्या का समाधान करना चाहते हैं. 2020 में बिहार में होने वाले विधान सभा चुनाव चुनाव में यह लोग अपना किस्मत आज़माना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर इस पार्टी की काफी चर्चा है. कुछ लोग इस पार्टी की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग आलोचना करने में लग गए हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस पार्टी के पीछे आरएसएस का हाथ है, क्योंकि बिहार विधान सभा चुनाव में आरएसएस दलित वोट का विभाजन करना चाहता है.
- ndtv.in
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IIT के 50 पूर्व छात्रों ने नौकरियां छोड़कर बनाई राजनीतिक पार्टी, जानिये क्या है कारण
- Tuesday April 24, 2018
- भाषा
प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 50 पूर्व छात्रों के एक समूह ने अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी नौकरियां छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी बनाई है. चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस समूह ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम 'बहुजन आजाद पार्टी' (बीएपी) रखा है.
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क्यों IITians को बनानी पड़ी बहुजन आज़ाद पार्टी, पढ़ें खास बातचीत
- Saturday April 28, 2018
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पिछले कुछ दिनों से बहुजन आजाद पार्टी की चर्चा काफी जोरशोर से है. ऐसा कहा जा रहा है कि 50 IITian ने अपनी नौकरी छोड़ कर पार्टी बनाई है, जिसका मुख्य मकसद है दलितों के लिए काम करना. पार्टी के जरिए ये लोग दलितों की समस्या का समाधान करना चाहते हैं. 2020 में बिहार में होने वाले विधान सभा चुनाव चुनाव में यह लोग अपना किस्मत आज़माना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर इस पार्टी की काफी चर्चा है. कुछ लोग इस पार्टी की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग आलोचना करने में लग गए हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस पार्टी के पीछे आरएसएस का हाथ है, क्योंकि बिहार विधान सभा चुनाव में आरएसएस दलित वोट का विभाजन करना चाहता है.
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IIT के 50 पूर्व छात्रों ने नौकरियां छोड़कर बनाई राजनीतिक पार्टी, जानिये क्या है कारण
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प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 50 पूर्व छात्रों के एक समूह ने अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी नौकरियां छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी बनाई है. चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस समूह ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम 'बहुजन आजाद पार्टी' (बीएपी) रखा है.
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