ज्ञानपीठ पुरस्कार
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नहीं रहीं मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती
- Saturday January 26, 2019
- रवीश कुमार
एक किताब होती तो आपके लिए भी आसान होता लेकिन जब कोई लेखक रचते-रचते संसार में से संसार खड़ा कर देता है तब उस लेखक के पाठक होने का काम भी मुश्किल हो जाता है. आप एक किताब पढ़ कर उसके बारे में नहीं जान सकते हैं. जो लेखक लिखते लिखते समाज में अपने लिए जगह बनाता है, अंत में उसी के लिए समाज में जगह नहीं बचती है.
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अमिताव घोष को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार, यह उपलब्धि हासिल करने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक बने
- Saturday December 15, 2018
- रवीश कुमार
इतिहास और कल्पना के घोल से जो रसायन वह तैयार करते हैं, जितनी गहराई से अपने विषय पर शोध करते हैं और उसे जिस बारीक़ी से रचना में बदलते हैं, वह आपको बिल्कुल हैरान छोड़ जाता है. भाषा, पर्यावरण, राजनीति- जैसे जीवन का कोई पहलू उनसे छूटता नहीं. 'सी ऑफ़ पॉपीज़़' में वे इस बात की ओर ध्यान खींचते हैं कि कैसे भारत में अंग्रेजी साम्राज्यवाद ने यहां की खेती बरबाद की, आम फ़सलों की जगह अफीम उगाने को मजबूर किया और पूरे उत्तर भारत के सामाजिक-आर्थिक तंत्र को झकझोर दिया.
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शंख घोष ने नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया बांग्ला साहित्य, मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
- Sunday December 25, 2016
- Written by: Sumit Kumar Rai
शंख घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है और उनकी पहचान बांग्ला साहित्य में ऊर्जा भरने वाले कवि के रूप में है.
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साहित्यकार रघुवीर चौधरी को मिलेगा वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार
- Tuesday December 29, 2015
- Edited by: NDTVKhabar.com team
साहित्यकार रघुवीर चौधरी को वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। उनका चयन जाने-माने आलोचक डॉ. नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने किया है। रघुवीर को अगले वर्ष एक समारोह में 51वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
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- Saturday January 26, 2019
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एक किताब होती तो आपके लिए भी आसान होता लेकिन जब कोई लेखक रचते-रचते संसार में से संसार खड़ा कर देता है तब उस लेखक के पाठक होने का काम भी मुश्किल हो जाता है. आप एक किताब पढ़ कर उसके बारे में नहीं जान सकते हैं. जो लेखक लिखते लिखते समाज में अपने लिए जगह बनाता है, अंत में उसी के लिए समाज में जगह नहीं बचती है.
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अमिताव घोष को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार, यह उपलब्धि हासिल करने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक बने
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इतिहास और कल्पना के घोल से जो रसायन वह तैयार करते हैं, जितनी गहराई से अपने विषय पर शोध करते हैं और उसे जिस बारीक़ी से रचना में बदलते हैं, वह आपको बिल्कुल हैरान छोड़ जाता है. भाषा, पर्यावरण, राजनीति- जैसे जीवन का कोई पहलू उनसे छूटता नहीं. 'सी ऑफ़ पॉपीज़़' में वे इस बात की ओर ध्यान खींचते हैं कि कैसे भारत में अंग्रेजी साम्राज्यवाद ने यहां की खेती बरबाद की, आम फ़सलों की जगह अफीम उगाने को मजबूर किया और पूरे उत्तर भारत के सामाजिक-आर्थिक तंत्र को झकझोर दिया.
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- Sunday December 25, 2016
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शंख घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है और उनकी पहचान बांग्ला साहित्य में ऊर्जा भरने वाले कवि के रूप में है.
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- Tuesday December 29, 2015
- Edited by: NDTVKhabar.com team
साहित्यकार रघुवीर चौधरी को वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। उनका चयन जाने-माने आलोचक डॉ. नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने किया है। रघुवीर को अगले वर्ष एक समारोह में 51वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
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