तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं, थेरवाद, महायान और वज्रयान से संबंधित भिक्षुओं द्वारा शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया था, इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने केंद्र के एक मॉडल का भी अनावरण किया.
पीएम मोदी ने अपने 20 मिनट के विशेष संबोधन में कहा,"भारत और नेपाल की हमेशा मजबूत होती दोस्ती और हमारी निकटता से पूरी मानवता को उस तरह की वैश्विक परिस्थितियों में लाभ होगा जो उभर रही हैं."