
इंडोनेशिया के मलंग में शनिवार रात एक पेशेवर फुटबॉल मैच के बाद भगदड़ (Indonesia Football Match Stampede) मचने से 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, घरेलू टीम की हार के बाद भारी संख्या में फैंस ने मैदान में घुसने लगे, जिससे पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जिससे अफरा तफरी का माहौल हो गया और कई लोग कुचल गए. अरेमा फुटबॉल क्लब की पर्सेबाया सुरबाया से 3-2 से हार के बाद, दर्जनों फैंस ने अरेमा के होम ग्राउंड कंजुरुहान स्टेडियम (Kanjuruhan Stadium) के मैदान में उतरने का प्रयास किया.
#WATCH | At least 127 people died after violence at a football match in Indonesia, last night. The deaths occurred when angry fans invaded a football pitch after a match in East Java
— ANI (@ANI) October 2, 2022
(Video source: Reuters) pic.twitter.com/j7Bet6f9mE
अशांति फैलने से पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे दहशत फैल गई. पूर्वी जावा पुलिस प्रमुख के महानिरीक्षक निको अफिंटा ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया. मरने वालों की संख्या को लेकर भ्रम फैलने पर सरकार समर्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि 153 लोग मारे गए है, जबकि अरेमा फुटबॉल क्लब (Arema Football Club) ने यह संख्या 182 बताई है.
दोनों आंकड़े शनिवार के मैच (Indonesia Football Match Riot) को फुटबॉल के इतिहास के सबसे घातक एपिसोड एवं दुखद घटनाओं में से एक बना देती है. इससे पहले साल 1964 में पेरू में एक फुटबॉल मैच में एक रेफरी द्वारा अलोकप्रिय फैसले के बाद देश के राष्ट्रीय स्टेडियम में दंगे फैलने से कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई थी.
राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन भाषण में, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (President Joko Widodo) ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख से जो कुछ हुआ उसकी गहन जांच करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने फुटबॉल मैचों में सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए युवा और खेल मंत्री, राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख और इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ के अध्यक्ष को भी आदेश दिए हैं.
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