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Paris Olympic 2024: ओलंपिक के इतिहास में पहली बार दिखेगी जेंडर इक्वलिटी, इससे पहले कभी नहीं हुआ ऐसा

Paris Olympics 2024, Gender equality: हेलेन बार्बी एक अमेरिकी मूल की स्विस नाविक थीं, जिन्होंने 1900 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं थी.

Paris Olympic 2024: ओलंपिक के इतिहास में पहली बार दिखेगी जेंडर इक्वलिटी, इससे पहले कभी नहीं हुआ ऐसा
Paris Olympics 2024: ओलंपिक के इतिहास में पहली बार दिखेगी जेंडर इक्वलिटी

हेलेन बार्बी एक अमेरिकी मूल की स्विस नाविक थीं, जिन्होंने 1900 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं थी. 1900 में हुए पेरिस ओलंपिक में 22 महिलाओं ने हिस्सा लिया था. लेकिन इसके बाद 1996 में  अटलांटा में हुए खेलों में महाकुंभ में 26 खेलों में महिलाओं ने हिस्सा लिया था. अटलांटा में जितने एथलिटों ने हिस्सा लिया था, उसमें 34 प्रतिशत हिस्सेदारी महिला खिलाड़ियों की थी. लेकिन पेरिस में स्थिति पूरी तरह से अलग है. 26 जुलाई से पेरिस 2024 ओलंपिक का आधिकारिक रुप से आगाज होगा. इस बार का ओलंपिक कई मायनों में खास होगा. क्योंकि पहली बार ना सिर्फ ओपनिंग सेरेमनी स्टेडियम के बाहर हो रही है, बल्कि इस बार सभी खेलों में महिला एथलिटों की समान रूप से भागीदारी है. 2024 पेरिस ओलंपिक पूर्ण लैंगिक समानता हासिल करने वाला पहला ओलंपिक होगा.

26 जुलाई से 11 अगस्त तक आधुनिक खेलों के 33वें संस्करण में 5,250 पुरुष और 5,250 महिला एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे. इस आंकड़े को पूरा करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने ओलंपिक एजेंडा 2020 की 11वीं सिफारिश को पूरा कर लिया है, जिसका लक्ष्य पुरुष और महिला एथलीटों के बीच 50:50 लिंग संतुलन और मिश्रित टीम स्पर्धाओं की संख्या में वृद्धि करना है, जो संख्या में वृद्धि करेगी.

1896 में पहली बार ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ था और महिलाओं की भागीदारी अनौपचारिक रूप से आधुनिक खेलों के दूसरे संस्करण में शुरू हुई. पेरिस में 1900 में हुए ओलंपिक में 997 एथलीटों में से 22 महिलाएं थीं, जिन्होंने पांच प्रतिस्पर्धाओं- टेनिस, नौकायन, क्रोकेट, घुड़सवारी और गोल्फ में हिस्सा लिया था.

फोबर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्केबाजी में ऐतिहासिक रूप से पुरुष एथलिटों का प्रभुत्व रहा है, लेकिन पेरिस में स्थिति बदली हुई है. पेरिस में जितने भार वर्ग में पुरुष एथलिट हिस्सा लेंगे, उतने में ही महिला एथलिट हिस्सा ले रही हैं. महिला मुक्केबाजी ओलंपिक में साल 2012 में शामिल की गई थी, तब तीन कैटेगरी में महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जबकि पुरुष एथलिटों ने 10 में हिस्सा लिया था. पेरिस में महिला और पुरुष दोनों ही सात अलग-अलग बेट कैटेगरी में हिस्सा लेंगे.

महिला एथलिटों की लगातार बढ़ती भागीदारी ने ना सिर्फ ओलंपिक के दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी की है बल्कि महिला एथलिटों ने कई उपलब्धियां भी हासिल की है. 2016 के बाद से, महिलाओं ने तैराकी में लंबी अवधि की स्पर्धाओं में 35 विश्व रिकॉर्ड तोड़े हैं, जबकि पुरुषों ने 21 विश्व रिकॉर्ड तोड़े है. बात अगर पदकों की करें तो वहां पर भी यह बदलाव देखने को मिलता है. पिछले दो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अमेरिकी महिलाओं ने अपने देश के पुरुष खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन किया है. टोक्यो 2020 में, अमेरिकी महिलाओं ने 66 पदक जीते थे, जबकि पुरुषों ने 41 पदक जीते थे. यह बदलाव सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है; टोक्यो 2020 में महिला एथलीटों ने ऑस्ट्रेलिया के 60.5% और चीन के 66% स्वर्ण पदक जीते थे.

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