एक दिन पहले ही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहे 18वें एशियाई खेलों की हैप्टाथलॉन प्रतिस्पर्धा में स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली एथलीट स्वप्ना बर्मन (Swapna Barma won the Gold) की पूरे देश में चर्चा है. आम से लेकर खास तक हर कोई स्वप्ना के कारनामे की चर्चा कर रहा है. वास्तव में स्वप्ना बर्मन (Swapna Barman became darling of the India) का हैप्टाथलॉन (सात स्पर्धाएं: 100 मी. बाधा दौड़. ऊंची कूद, गोलाफेंक, लंबी कूद, भाला फेंक और 800 मी.) का स्वर्ण पदक जीतना आज के दौर में भारत की महिला ताकत को बयां करने के लिए काफी है.
Swapna Barman the Golden Girl, she requires special shoes as she has Six toes in each feet; Father is a Rikshaw Puller, Mother is a Tea Estate worker, they live in a Tin Shed; NO, she did not pick up Gun, nor Pelted Stones she worked Hard;...
— Amol Siddham (@AmolSiddham) August 30, 2018
Salute.... pic.twitter.com/EVmKQ2nrkP
लेकिन स्वप्ना की जीत कई मायनों से खास है. पैरों के दोनों पंजों में छह उंगलियां होने के कारण लगातार आई दिक्कतें की मानो काफी नहीं है. एक रिक्शा चालक की गरीब बेटी ने इस मुकाम तक कितना दर्द, पीड़ा व परेशानियां झेली होंगी, इसका अनुमान ज्यादातर लगा भी नहीं पाएंगे. जिस व्यक्ति पर गुजरती है, समझता वही है. ठीक वैसे ही, जिस दांत के दर्द की पीड़ा से स्वप्ना बर्मन प्रतियोगिता वाले दिन गुजरीं. इतना दर्द कि चेहरे पर टेप लगानी पड़ी, लेकिन यह दर्द भी उन्हें सोना कब्जाने से नहीं रोक सका.
A talented athlete wins a prestigious medal.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2018
Well done @Swapna_Barman96 for winning the Gold in the Heptathlon. This success demonstrates the skills and perseverance you are blessed with. India is extremely proud of you! #AsianGames2018 pic.twitter.com/bjYqFI0dXN
और स्वप्ना बर्मन का परिवार और खास तौर पर उनकी मां कैसे खुशी के आंसुओं में भीग गए, यह आप नीचे दिए गए वीडियो को देखकर अच्छी तरह महसूस कर सकते हैं. स्वप्ना बर्मन की मां की यह प्रतिक्रिया सबकुछ अपने-आप में बयां कर देती है.
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mother is a tea estate worker, they live in a tin shed. No, she did not pick up guns nor pelted stones, she worked hard.
— Divya Saxena Rastogi (@Divsbabs) August 30, 2018
When Heptathlete Swapna Barman's family was watching their daughter win Gold for India. Reaction of her mother is priceless. 2/2#AsianGames2018 pic.twitter.com/I4AX2wqfgw
इस वीडियो को देखकर स्वप्ना बर्मन के सामाजिक परिवेश और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में आसानी से समझा जा सकता है. और यह भी कि कितनी ज्यादा मुश्किल रूपी लहरों को भेदकर इस एथलीट ने एशिया के सबसे बड़े मंच पर तिरंगा और अपने नाम का परचम लहराया है.
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स्वप्ना बर्मन इस समय पूरे देश में लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. आम लोग उनकी पृष्ठभूमि की चर्चा कर उनकी स्वर्णिम सफलता को अपने बच्चों को एक उदाहरण के रूप में सुना रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की तमाम प्रसिद्ध शख्सियतें उन्हें सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई दे रहे हैं.
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