Asian Games: हैप्टाथलॉन में स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन
खास बातें
- एशियाई खेलों में हैप्टाथलॉन में स्वर्ण पदक जीता है स्वप्ना बर्मन ने
- ममता बनर्जी ने की सिर्फ 10 लाख रुपये देने की घोषणा
- पूरे देश में हो रही स्वप्ना बर्मन के नाम की चर्चा
जकार्ता: एक दिन पहले ही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहे 18वें एशियाई खेलों की हैप्टाथलॉन प्रतिस्पर्धा में स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली एथलीट स्वप्ना बर्मन (Swapna Barma won the Gold) की पूरे देश में चर्चा है. आम से लेकर खास तक हर कोई स्वप्ना के कारनामे की चर्चा कर रहा है. वास्तव में स्वप्ना बर्मन (Swapna Barman became darling of the India) का हैप्टाथलॉन (सात स्पर्धाएं: 100 मी. बाधा दौड़. ऊंची कूद, गोलाफेंक, लंबी कूद, भाला फेंक और 800 मी.) का स्वर्ण पदक जीतना आज के दौर में भारत की महिला ताकत को बयां करने के लिए काफी है.
लेकिन स्वप्ना की जीत कई मायनों से खास है. पैरों के दोनों पंजों में छह उंगलियां होने के कारण लगातार आई दिक्कतें की मानो काफी नहीं है. एक रिक्शा चालक की गरीब बेटी ने इस मुकाम तक कितना दर्द, पीड़ा व परेशानियां झेली होंगी, इसका अनुमान ज्यादातर लगा भी नहीं पाएंगे. जिस व्यक्ति पर गुजरती है, समझता वही है. ठीक वैसे ही, जिस दांत के दर्द की पीड़ा से स्वप्ना बर्मन प्रतियोगिता वाले दिन गुजरीं. इतना दर्द कि चेहरे पर टेप लगानी पड़ी, लेकिन यह दर्द भी उन्हें सोना कब्जाने से नहीं रोक सका.
और स्वप्ना बर्मन का परिवार और खास तौर पर उनकी मां कैसे खुशी के आंसुओं में भीग गए, यह आप नीचे दिए गए वीडियो को देखकर अच्छी तरह महसूस कर सकते हैं. स्वप्ना बर्मन की मां की यह प्रतिक्रिया सबकुछ अपने-आप में बयां कर देती है.
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इस वीडियो को देखकर स्वप्ना बर्मन के सामाजिक परिवेश और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में आसानी से समझा जा सकता है. और यह भी कि कितनी ज्यादा मुश्किल रूपी लहरों को भेदकर इस एथलीट ने एशिया के सबसे बड़े मंच पर तिरंगा और अपने नाम का परचम लहराया है.
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स्वप्ना बर्मन इस समय पूरे देश में लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. आम लोग उनकी पृष्ठभूमि की चर्चा कर उनकी स्वर्णिम सफलता को अपने बच्चों को एक उदाहरण के रूप में सुना रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की तमाम प्रसिद्ध शख्सियतें उन्हें सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई दे रहे हैं.