किसान और मजदूर हीरे की तलाश में दिन-रात लगे हैं.
पन्ना (मध्य प्रदेश):
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में जब पिछले दिनों एक किसान को तीन करोड़ रुपये मूल्य का हीरा मिला तो वह अचानक मीडिया की सुर्खियों में आ गया. हालांकि सिक्के का एक पहलू और भी है. हीरे की चमक के पीछे किसान व मजदूरों की जिंदगी काली हो रही है. महीना भर पहले 40 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार मोती लाल को ऐसा नायाब हीरा मिल ही गया जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये आंकी गई है. 42 कैरेट का हीरे मिलने की खबर फैली तो मोती लाल ने हीरा सरकारी दफ्तर में जमा करवा दिया. हफ्ते भर पहले सुर्खियों में आने वाले मोती लाल अब मीडिया और अनजान लोगों से मिलने मेंम कतरा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि हीरे की रकम के लिए कोई उनका अपहरण न कर ले. मध्य प्रदेश में अभी चुनावी माहौल है लिहाजा मोती लाल के इस हीरे की नीलामी फिलहाल नहीं हो पाई है. लिहाजा मोती लाल का कच्चा घर अभी भी आधा अधूरा पड़ा है. मोती लाल के पिता राम सेवक ने अपनी जमीन बेचकर पूरी उम्र हीरे की खोज की, लेकिन ये नायाब हीरा उनके बेटे को मिला. राम सेवक कहते हैं 'अरे साहब हम्मार पूरी जिंदगी हीरा मा लग गई सबकुछ बरबाद कर डाला लेकिन ना मिला'.
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हालांकि पन्ना जिले के हीरे की बदरंग सच्चाई जानने आपको लेकर चलते है. पन्ना से दस किमी दूर हीरे की खदान के पास. यहां सैकड़ों किसान हीरे की चमक में अपनी जिंदगी बेरंग कर रहे हैं. अपना कर्जा उतारने के लिए बांदा जिले से आए सुमिरन सालभर से हीरे की खोज में दिन रात एक कर रहे हैं. हीरा मिला नहीं, लेकिन 45 हजार का कर्ज उपर से चढ़ गया. राम सुमिरन बताते हैं कि लड़की की शादी के लिए कर्जा लिए थे. सोचा था यहां से हीरा निकालकर कर्जा उतार दूंगा लेकिन 45 हजार का कर्जा ऊपर से चढ़ गया है. यह सिर्फ एक उदाहरण है. हजारों किसान और आदिवासी अपनी जिंदगी को हीरे की चमक के पीछे बरबाद कर रहे हैं.
VIDEO: हीरे की चमक के पीछे किसान और मज़दूरों की ज़िंदगी काली, देखें- खास रिपोर्ट
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