कश्मीर का सबसे खतरनाक आतंकी कहलाने वाला जाकिर मूसा ददसारा(त्राल) में हुई मुठभेड़ में मारे जाने की खबर है. वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) का पूर्व कमांडर था और अब अलकायदा से जुड़ा समूह चलाता था जिसका नाम अंसार गजावत उल हिंद है. जाकिर मूसा का पूरा नाम जाकिर राशीद भट्ट है. वह ए डबल प्लस (A++) कैटेगरी का आतंकी था, जिसके ऊपर 20 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था. जाकिर मूसा दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा के त्राल के नूरपोरा का रहने वाला था. 28 साल का जाकिर मूसा पढ़ाई में ग्रेजुएट था. वह चंडीगढ़ के राम देव जिंदल कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग का छात्र रहा है. साल 2013 में परीक्षा में फेल होने के बाद मूसा ने कॉलेज छोड़ा. पिता सिंचाई विभाग में कर्मचारी थे.
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कॉलेज से निकलने के बाद जाकिर मूसा उसी साल 2013 में हिज़बुल मुज़ाहद्दीन को जॉइन किया. 2016 में आतंकी बुरहान बानी के मारे जाने के बाद वह हिजबुल का डिविजनल कमांडर बना. 2017 में मूसा ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया, जिसमें इसने गिलानी को लाल चौक पर लटकाने की बात कही थी. बाद में हिजबुल ने इस स्टेटमेंट से अपने आपको अलग कर लिया. उसके बाद मूसा ने हिजबुल छोड़ दिया.
जुलाई 2017 में अलकायदा के नया संगठन अंसार ग़ज़वत उल हिन्द का प्रमुख मूसा बना. मूसा कहा करता था कि ये लड़ाई सिर्फ कश्मीर के लिए नहीं बल्कि इस्लाम और काफिरों के बीच भी है. हिजबुल ने 2017 में सोपोर में पोस्टर के जरिये मूसा को इंडियन एजेंट कहा और आरोप लगाया कि इसकी मदद से सुरक्षाबल कश्मीरियों को मार रहे है.
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बता दें, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'जाकिर मूसा, अंसार गजावत उल हिंद का प्रमुख था और A++ श्रेणी का आतंकी था.' अधिकारी ने बताया, 'मूसा ने 2013 में आंतकी गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया था और वह चर्चा में तब आया था जब 2016 में आतंकी बुरहान बानी मारा गया था. बुरहान के मारे जाने के बाद जाकिर मूसा सोशल मीडिया पर आतंक का पोस्टर बॉय बना था.'
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बीते 18 दिनों में सुरक्षाबलों ने 16 आतंकियों को मार गिराया है. 2018 में मोदी सरकार ने रमजान के दौरान युद्ध विराम की घोषणा की थी. वहीं शुक्रवार को हुई मुठभेड़ के बारे में पुलिस ने बताया, 'ददसारा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें आतंकी मारे गए. सेना ने आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया. जिसके बाज जवाबी कार्रवाई में मूसा मारा गया. मूसा की उम्र 25 साल थी और वह इंजीनियरिंग ड्रॉपआउट था. हिजबुल को छोड़कर जब वह अलकायदा के समूह का हिस्सा बना तो उसके फॉलोअर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी.
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