लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए बिहार में एनडीए (Bihar NDA) अपने सभी 40 उम्मीदवारों का ऐलान शनिवार को करेगा. ऐलान पटना में भाजपा (BJP) दफ्तर में सुबह 11 बजे किया जाएगा. इस दौरान जदयू, भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भूपेंद्र यादव और सुशील मोदी भी मौजूद होंगे. बता दें, बिहार में जदयू, भाजपा और लोजपा तीनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा और जदयू 17-17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने शुक्रवार को NDTV से बातचीत में यह संकेत दिया था कि शनिवार को उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी. केसी त्यागी ने कहा था कि 'आप कल तक प्रतीक्षा कीजिए. हमारी लिस्ट तैयार है और हमारे उम्मीदवार भी तैयार हैं. बहुत ही जल्दी पटना में हमारी लिस्ट जारी कर दी जाएगी.'
बता दें, भाजपा अपने तीन लिस्ट में अपने 221 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. लेकिन उन एक भी सूची में बिहार के उम्मीदवार शामिल नहीं थे. भाजपा की गुरुवार को 184 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा ने कहा था कि पार्टी ने बिहार (Bihar BJP Candidates) के सभी 17 उम्मीदवारों के नामों को भी अंतिम रूप दे दिया है और सूची राज्य इकाई को भेज दी गई है, जिसकी घोषणा गठबंधन सहयोगियों के साथ की जायेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि जब नाम फाइनल हो गए तो उनका ऐलान पहली लिस्ट में क्यों नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि बिहार के उम्मीदवारों का ऐलान न करने का फैसला सोची समझी रणनीति के तहत किया गया हैं.
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बिहार में इस बार भाजपा के खाते में 17 सीटें आई हैं. इन सीटों पर जो उम्मीदवार अभी तक तय किए गए हैं, उनकी जाति का जो अनुपात हैं, उसमें अगड़ी जाति के नेताओं का वर्चस्व है. अभी तक तय किए गए नामों में नौ उम्मीदवार अगड़ी जाति से हैं. इनमें कायस्थ समुदाय से रविशंकर प्रसाद, राजपूत जाति से केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, राजकुमार सिंह, राजीव प्रताप रूडी, सुशील सिंह और जनार्दन सिंह सिग्रीवाल शामिल हैं. इसके अलावा अश्विनी चौबे और गोपालजी ठाकुर ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखते हैं तो भूमिहार जाति से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आते हैं. वहीं दूसरी ओर देखें तो अति पिछड़ी जाति से जहां एक ओर अजय निषाद और प्रदीप सिंह हैं, वहीं वैश्य समाज से डॉक्टर संजय जायसवाल और रामादेवी है. इनके अलावा बिहार इकाई के अध्यक्ष नित्यानंद राय, अशोक यादव और केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं. इन सभी का नाम अभी तय माना जा रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवारों में अगड़ी जाति के उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा थी. विधानसभा चुनाव की तरह इस बार लोकसभा में भी पार्टी पर अगड़ी जाति के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने का आरोप न लगे, इसलिए जदयू के उम्मीदवारों के साथ अपनी लिस्ट जारी करेगी.
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गौरतलब है कि भाजपा ने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट शुक्रवार देर रात जारी की, इसमें 36 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. पार्टी ने ओडिशा के पुरी से संबित पात्रा (Sambit Patra) को मैदान में उतारा है. तीसरी लिस्ट में आंध्र प्रदेश की 23, महाराष्ट्र की 06, ओडिशा की 05, मेघालय की एक और असम की एक सीट पर उम्मीदवार घोषित किये गए हैं.
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