पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण के मतदान के दौरान आसनसोल में बड़े पैमाने पर हिंसा होने की खबरें सामने आईं. इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रत्याशी और पूर्व अभिनेत्री मुनमुन सेन अब तक दो विवादित बयान दे चुकीं हैं. पहले जहां उन्होंने कहा कि उन्होंने 'कुछ नहीं सुना', क्योंकि वह देर से सोकर उठी थीं और उन्हें बेड टी नहीं मिली थी. अब एक और विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा है कि छोटी-मोटी हिंसा की घटनाएं तो होतीं रहती हैं. तृणमूल और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच कई मतदान केंद्रों पर हुई हिंसक झड़पों पर प्रतिक्रिया देते समय उन्होंने यह बात कही. सोमवार को मतदान के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए और सौ लोग गिरफ्तार हुए ते.आसनसोल से तृणमूल उम्मीदवार मुनमुन सेन ने कहा," मैं अभी वरिष्ठों से नहीं मिली हूं, जब हम साथ बैठेंगे तो मैं पता करूंगी कि कब और कहां हिंसा की घटनाएं हुईं...थोड़ा तो होगा ही...हर जगह होता है... उन्होंने एएनआई से कहा कि पहले की तुलना में अब हिंसा की कम घटनाएं होतीं हैं.
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बता दें कि आसनसोल हिंसा को लेकर इससे पहले NDTV से बातचीत में मुनमुन सेन ने कहा था, "उन्होंने मुझे बेड टी (सुबह की चाय) देर से दी, इसलिए मैं बहुत देर से उठी... क्या कह सकती हूं...? मुझे सचमुच कुछ भी नहीं पता..."सोमवार को कुछ पोलिंग बूथों पर BJP तथा राज्य में सत्तासीन TMC के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुई थीं. आसनसोल लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी तथा मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर बूथों पर कब्ज़ा करने और लोगों को वोट नहीं डालने देने का आरोप लगाया था. हिंसा की घटना में उनकी कार पर भी हमला किया गया. वह उन इलाकों का दौरा करने कार पर निकले थे, जहां झड़पों की ख़बरें मिली थीं. उन्होंने पोलिंग बूथों के बारे में ट्वीट भी किए.
बाबुल सुप्रियो के आरोपो के बारे में पूछे जाने पर मुनमुन सेन ने कहा, "उनका नाम मत लीजिए... वरना मैं बात नहीं करूंगी..."मतदान के दौरान बंगाल में हिंसा पर बोले कुमार विश्वास- दीदी, ये सत्ता का अहंकार है या धन का नशा? जब इस ओर ध्यान दिलाया गया कि चुनाव के दौरान आमतौर पर होती ही रही है, 65-वर्षीय TMC प्रत्याशी मुनमुन सेन ने कहा, "आप उस वक्त बहुत छोटी रही होंगी, इसलिए नहीं देखा होगा, जब कम्युनिस्ट सत्ता में थे... वैसे, यह सिर्फ बंगाल में नहीं, सारे भारत में होता है..." पिछले चुनाव में बांकुरा लोकसभा सीट से वामदलों के नौ बार के सांसद को हराने वाली, और 'जायंट किलर' का खिताब पाने वाली मुनमुन सेन ने कहा कि वह जीत के प्रति आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा, "TMC ने सीट जीत ली है... अब देखिए, क्या होता है..."उन्होंने पिछले साल रामनवमी के जुलूस को लेकर हुए दंगों के बारे में बात करने से इंकार कर दिया, जिनकी वजह से ग्राउंड रिपोर्टों के मुताबिक, लोकसभा सीट के कुछ इलाके अलग-अलग बंट गए थे. मुनमुन सेन ने कहा, "मैं दंगों के दौरान वहां नहीं थी... आपको नहीं मालूम है, मैंने कितनी बैठकें की थीं... आपको नहीं पता है, मैं कितनी व्यस्त रही हूं..."बाबुल सुप्रियो को लेकर फिर एक सवाल किया गया, और उन्होंने फिर कहा, "मैं उनका नाम नहीं सुनना चाहती, बस...", और चल दीं.
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सुप्रियो बोले-मुनमुन सेन दोस्त हैं, मगर..
भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि मुनमुन सेन के साथ उनकी दोस्ती लंबे समय से है लेकिन वह इस बात से निराश हैं कि तृणमूल कांग्रेस की उनकी प्रतिद्वंद्वी निजी हमले कर रही हैं और वोट के लिए अपनी दिवंगत मां के नाम का इस्तेमाल कर रही हैं. दोनों ही नेताओं का आसनसोल लोकसभा सीट पर सीधा मुकाबला है जहां 29 अप्रैल को मतदान होना है. सुप्रियो ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘शुरुआत में, मैंने सोचा था कि विदेश से पढ़ाई करने और सुचित्रा सेन की बेटी होने के नाते वह निजी हमलों से बचेंगी. पिछले दस दिनों में उन्होंने जो भी कहा है मैं जानता था कि जब वह टीएमसी नेताओं के साथ समय बिताना शुरू करेंगी तो यह होगा. लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी जल्दी यह करेंगी.'' मोहिशिला में अपने कार्यालय के साथ-साथ घर में सुप्रियो काफी थके हुए दिखे.उन्होंने कहा कि पिछली कई रातों से वह बमुश्किल ही पलक झपका पाए होंगे क्योंकि कुछ समस्याएं थीं चाहे वह कार्यकर्ताओं को पीटा जाना रहा हो या पुलिस द्वारा छापे मारना.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं गंदी राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता. यहां पूरा विमर्श डराने धमकाने का है और मैं इसका हिस्सा नहीं बनना चाहता.''सुप्रियो टीएमसी की डोला सेन को हराकर 2014 में इस सीट पर जीते थे जबकि मुन मुन सेन ने नौ बार के सांसद बासुदेव आचार्य को हराकर बांकुड़ा का किला फतह किया था. इस बार वह आसनसोल से चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘क्या वह कभी बांकुड़ा लौट पाएंगी? वह क्यों बांकुड़ा से भागी और आसनसोल आई.उन्होंने वहां कुछ नहीं किया.
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