World Elder Abuse Awareness Day: घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ अपनाएं अच्छे व्यवहार के ये 5 तरीके, सेहत के साथ मन भी रहेगा खिला-खिला

Taking Care Of Elderly: बुजुर्ग व्यक्ति के लिए खुद की देखरेख करना मुश्किल होता है. ऐसे में परिवार को बुजुर्गों का ख्याल रखने की जरूरत होती है.

World Elder Abuse Awareness Day: घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ अपनाएं अच्छे व्यवहार के ये 5 तरीके, सेहत के साथ मन भी रहेगा खिला-खिला

World Elder Abuse Awareness Day: घर के बुजुर्गों को रखें हेल्दी और हैप्पी.

World Elder Abuse Awareness Day 2023: हर साल 15 जून के दिन विश्व बुजुर्ग दुर्व्यव्हार दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद बुजुर्गों के प्रति हो रहे अत्यचार और बुरे व्यव्हार को रोकना है और उनकी देखरेख के विषय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है. उम्र का बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे कोई नहीं रोक सकता. इंसान बच्चे से किशोर, किशोर से युवा और युवा से वृद्ध (Old) होता चला जाता है और पीढ़ी आगे बढ़ती रहती है. लेकिन, अक्सर देखा जाता है कि बुजुर्गों (Elderly) के प्रति परिवार के ही लोग बुरा व्यवहार करने लगते हैं जो कई बार हिंसा का रूप ले लेती है. स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक तौर पर भी बुजुर्गों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसे देखते हुए ही वैश्विक तौर पर बुजुर्गों के प्रति सहानुभूति, प्रेम और लगाव का रवैया अपनाने की हिदायत देते हुए 15 जून, 2011 से इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई थी.  

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आपके घर में भी यदि बुजुर्ग हैं तो आप उनकी पूरे मनोभाव से देखरेख करके उनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं. यह ना सिर्फ उनकी शारीरिक सेहत के लिए आवश्यक है बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी स्वस्थ (Healthy) रखता है. जानिए वे कौनसी छोटी-मोटी बातें हैं जिनका ध्यान रखा जा सकता है. 

बुजुर्गों के प्रति अपनाएं अच्छा रवैया 

  1. बुजुर्गों को आपके प्रेम की सबसे ज्यादा आवश्यक्ता होती है. उन्हें अगर आप खरी-खोटी सुनाते रहेंगे तो उनका मन तो कचोटेगा ही, साथ ही सेहत भी दिन-पर-दिन खराब होती जाएगी. 
  2. इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें घर के भारी काम ना दिए जाएं. अगर वे खुद भी भारी काम करने पर उतारु रहते हैं तो उन्हें रोकें. इससे उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है. 
  3. साथ बैठकर कुछ देर बात कर लेने पर बुजुर्गों का मन हल्का हो जाता है. इससे उनके मन को यह नहीं कचोटता कि उनके लिए अब किसी के पास समय नहीं है. 
  4. बच्चों को घर के बड़ों का सम्मान करना सिखाएं. उनमें बचपन से ही ऐसी आदतें डलवाएं कि वे दिन में कम से कम आधे एक घंटे अपने दादा-दादी (Grandparents) के साथ घूमने-फिरने में बिताएं या उनके साथ कुछ एक्टिविटीज करें. बच्चे उन्हें अखबार पढ़कर भी सुना सकते हैं. 
  5. सेहत का ख्याल रखने के लिए यह सुनिश्चित करें कि बढ़े-बुजुर्ग अपनी दवाएं सही समय पर लेते हैं या नहीं. इसके साथ ही उन्हें उनके ट्रीटमेंट या चेकअप के लिए लेकर जाएं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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