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बच्चा किसी चीज से टकरा गया है तो कभी ना कहें ये बातें, डॉक्टर की यह सलाह हर माता-पिता के आएगी काम

Parenting Tips By Pediatrician: कई बार बच्चे दीवार या पलंग वगैरह से टकराकर गिर जाते हैं. ऐसे में माता-पिता ऐसी बातें कहते हैं जो बच्चे के विकास पर असर डालती हैं. इसी बारे में बता रही हैं पीडियाट्रिशियन डॉ. सुमित्रा मीना. 

बच्चा किसी चीज से टकरा गया है तो कभी ना कहें ये बातें, डॉक्टर की यह सलाह हर माता-पिता के आएगी काम
What To Do If Baby Falls: जानिए बच्चा अगर गिर जाए या किसी चीज से टकराए तो पैरेंट्स को कैसे करना चाहिए रिएक्ट.

Parenting Tips: छोटे बच्चों को आप कितना ही पकड़ कर बैठ जाएं लेकिन वे यहां-वहां भागते ही हैं. कभी बच्चे दीवार से टकरा जाते हैं तो कभी पलंग के कोने या कुर्सी से टकराकर गिर जाते हैं. वहीं, बच्चे चलते-चलते अगर फर्श पर भी गिर जाएं तो पैरेंट्स तुरंत बच्चे को उठाकर फर्श को मारने लगते हैं और इस तरह नाटक करते हैं कि बच्चे के गिरने में फर्श का ही दोष है. आमतौर पर सभी पैरेंट्स (Parents) का यही रिएक्शन होता है. लेकिन, पीडियाट्रिशियन डॉ. सुमित्रा मीना का कहना है कि पैरेंट्स का इस तरह रिएक्ट करना कि कुछ हुआ ही नहीं, बच्चे को रोने से मना करना और जिस चीज से बच्चा टकराया है उस चीज को मारने का नाटक करना बच्चे के विकास के लिए सही नहीं है. बच्चे के गिरने पर माता-पिता क्या गलती करते हैं इसपर पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) ने इंस्टाग्राम पर जिस वीडियो को शेयर किया है उसे अबतक 19 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. ऐसे में आप भी सुन लीजिए पीडियाट्रिशियन की सलाह. 

अगर छोटा बच्चा मारता है तो कैसे रिएक्ट करें पैरेंट्स, डॉक्टर ने बताया तुरंत करना होगा यह काम  

बच्चा गिरे तो क्या नहीं करना चाहिए | What Not To Do If Baby Falls 

पीडियाट्रिशियन का कहना है कि जब बच्चा दीवार या किसी चीज से टकराकर गिर जाता है तो पैरेंट्स सबसे पहले कहते हैं कि रो मत, कुछ नहीं हुआ, यह आपकी गलती नहीं है दीवार की गलती है चलो दीवार को मारते हैं वगैरह वगैरह. डॉक्टर का कहना है कि यह बोलना एक बड़ी गलती है. 

बच्चों की डॉक्टर (Child Doctor) कहती हैं कि पैरेंट्स बच्चे को जब यह कहते हैं कि रो मत, कुछ नहीं हुआ तो वह असल में उसकी भावनाओं को दबा रहे हैं. इससे बच्चे को लगेगा कि मेरे इमोशंस मम्मी-पापा के लिए वैलिड ही नहीं हैं. उसे लगेगा कि वह रो रहा है और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. 

दूसरी गलती है कि जब आप दीवार या फ्लोर को मारते हैं और यह कहते हैं कि इसकी गलती है कि आप गिर गए, तो आप बच्चे को दूसरों पर ब्लेम (Blame) करना सिखा रहे हैं. इससे बड़े होने के बाद जब भी बच्चे की जिंदगी में कोई परेशानी आएगी तो वह दूसरों को ब्लेम करेगा, उन्हें दोष देगा. वह कहेगा कि यह उसकी गलती है ही नहीं. वह अपने एक्शंस को नहीं देखेगा. 

बॉडी पॉजीटिविटी का भी रखें ध्यान 

पीडियाट्रिशियन डॉ. सुमित्रा मीना ने पैरेंट्स को एक और सलाह दी है. वे इसी वीडियो में आगे बताती हैं कि अगर कभी बच्चा कोई ड्रेस पहनकर आया है और उसमे चबी लग रहा है तो पैरेंट्स को उसे मोटा नहीं कहना चाहिए. यह बॉडीशेमिंग है जो बच्चे को प्रभावित करती है.

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