
What is the best method of ear piercing for kids: बच्चों के कान छिदवाना एक आम बात है. खासकर हमारे देश में ये फैशन से अलग परंपरा का हिस्सा भी है. हालांकि, कई बार बच्चों के कान छिदवाते समय माता-पिता कुछ आम गलतियां कर बैठते हैं, जिससे इंफेक्शन या अन्य परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में ईयर पियर्सिंग कराते समय कुछ खास बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसी कड़ी में पीडियाट्रिशियन अर्पित गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने बच्चों के कान छिदवाने से जुड़ी कुछ अहम बातें बताई हैं, जिन्हें हर माता-पिता को जानना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में-
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इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान
नंबर 1- किस उम्र में छिदवाने चाहिए बच्चों के कान?डॉक्टर गुप्ता के अनुसार, बच्चों के कान कम से कम 4 से 6 महीने की उम्र के बाद ही छिदवाने चाहिए. इस उम्र तक बच्चे की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है. साथ ही इस समय तक बच्चे को तीन DTP वैक्सीन की डोज भी लग चुकी होती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. कान छिदवाने से पहले यह भी ध्यान रखें कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो. उसे बुखार, सर्दी-जुकाम या किसी भी तरह का इंफेक्शन न हो, वरना कान में सूजन या इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है.
नंबर 2- कान छिदवाने से पहले की तैयारीईयर पियर्सिंग कराते समय कान में दर्द होना आम बात है. हालांकि, आप कुछ खास तरीके अपनाकर इस दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर गुप्ता कान छिदवाने से पहले नंबिंग क्रीम (Numbing Cream) लगाने की सलाह देते हैं. वहीं, अगर यह उपलब्ध न हो, तो आप बच्चे के कान पर थोड़ी देर बर्फ से हल्की मालिश भी कर सकते हैं. इससे भी दर्द कम महसूस होता है.
नंबर 3- कौन-सी बालियां पहनाएं?कान छिदवाने के बाद सबसे जरूरी है कि आप बच्चे को हाइपोएलर्जेनिक (Hypoallergenic) मटीरियल की बालियां पहनाएं ताकि एलर्जी न हो. इससे अलग आप सर्जिकल स्टील की बालियां भी पहना सकते हैं.
इन बातों का भी रखें खास ध्यान- इन 3 बातों से अलग कान छिदवाने के बाद दिन में दो बार एंटीसेप्टिक क्रीम जरूर लगाएं ताकि संक्रमण न हो.
- कम से कम 6 हफ्तों तक ईयररिंग्स न बदलें, वरना घाव भरने में दिक्कत हो सकती है.
- इसके अलावा, कुछ दिनों तक बच्चे को स्विमिंग पूल में न नहाने दें, क्योंकि वहां के पानी में बैक्टीरिया संक्रमण फैला सकते हैं.
बच्चों के कान छिदवाना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन थोड़ी सावधानी बरतकर आप अपने बच्चे को दर्द और परेशानी से बचा सकते हैं. हमेशा कोशिश करें कि यह काम किसी अनुभवी व्यक्ति या डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाए. इससे आपका बच्चा सुरक्षित रहेगा और ईयर पियर्सिंग का प्रोसेस भी आसानी से पूरा हो जाएगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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