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क्या आपके दिमाग में भी बार-बार आता है एक ही विचार? हो सकती है यह गंभीर मेंटल प्रॉबल्म

overthinking and its symptoms : आज के इस आर्टिकल में हम आपसे ओवरथिंकिंग के बारे में विस्तार से बात करेंगे. हम आपको इसके लक्षणों, कारणों और निजात पाने के तरीकों के बारे में बताएंगे...

क्या आपके दिमाग में भी बार-बार आता है एक ही विचार? हो सकती है यह गंभीर मेंटल प्रॉबल्म
ओवर थिंकिंग के पीछे कारण असुरक्षा, आत्म संदेह जैसी भावनाएं हैं.

 Overthinking Symptoms : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लोग खुद को इतना तनाव दे रहे हैं कि इसका असर न सिर्फ फिजिकल बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है. पढ़ाई, नौकरी और घर परिवार की जिम्मेदारियां कई बार व्यक्ति को ओवरथिंकिंग की गिरफ्त में ला खड़ा कर देता हैं, जिसके कारण दिमाग का सुख-चैन छिन जाता है, जो कि एक गंभीर समस्या है. आज के इस आर्टिकल में हम आपसे इस मेंटल प्रॉब्लम के बारे में विस्तार से बात करेंगे. इसमें हम आपको ओवरथिंकिंग के लक्षणों, कारणों और इससे आजादी पाने के तरीकों के बारे में बताएंगे...

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ओवरथिंकिंग क्या है और इसके लक्षण - What is overthinking and its symptoms

  • जब भी आप सन्नाटे य़ा अकेले में होते हैं, तो आपका मन किसी पुरानी बात या गलती को लेकर सोचना शुरू कर देता है. जो आपको अंदर ही अंदर खोखला कर देता है. इस स्थिति में आप खुद को दोष देने लगते हैं या फिर आप बिना किसी वजह के बेचैनी महसूस करने लगते हैं. ये सारे लक्षण आपको सोने नहीं देते हैं. ओवरथिकिंग एकबार दिमाग में घर कर जाए तो एक अदृश्य दुश्मन की तरह जीवन को निरस बना देती है. 

ओवर थिंकिंग के कारण - due to over thinking

  • ओवर थिंकिंग के पीछे कारण असुरक्षा, आत्म संदेह जैसी भावनाएं हैं. जिसके कारण हम हमेशा अपने आपको कम आंकते हैं. 
  • ओवरथिंकिंग में इंसान अपने बीते कल को बदलने का प्रयास करता है, जोकि संभव नहीं है. इसके चलते हम अपना मूड खराब कर लेते हैं. 

ओवरथिंकिंग से कैसे पाएं निजात - How to get rid of overthinking

इस मेंटल प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के छोटे-छोटे स्टेप्स हैं, जिससे आप अपने दिमाग को शांत और प्रोडक्टिव बना सकते हैं...

  • जो बात घटना बीत गई है उसके बारे में सोचने और गिल्ट फील करने का कोई फायदा नहीं है. इससे आपको निकलना होगा. आपको कड़वी यादों को भूलकर आगे बढ़ना होगा तभी आप ओवरथिंकिंग से निकल पाएंगे. आपको वर्तमान में जीना होगा. 
  • ओवरथिंकिंग से बचने के लिए आप अपने दिमाग को खाली मत रहने दीजिए. अपने आपको किसी न किसी चीज में बिजी रखिए. ताकि आपको ज्यादा कुछ सोचने का समय न मिल सके.
  • अगर आप ओवरथिंकिंग से बचना चाहते हैं, तो फिर मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. जब दिमाग भाग रहा हो, तो बस एक मिनट के लिए आंखें बंद करें और गहरी सांस लें.आपको अपने आप फर्क महसूस होगा.
  • अगर आप किसी से अपने मन की बात कह नहीं सकते तो मन में घुटिए नहीं बल्कि कागज कलम उठाइए और डाय़री लिख डालिए. इससे आपके दिल दिमाग पर पड़ा बोझ हल्का होता है. 
  • इसके अलावा हेल्दी फूड को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाइए. इससे आपका दिमाग अच्छे से प्रोसेस कर पाता है. आप अंदर से खुश महसूस करते हैं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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