
Micro Cheating in Relationship: किसी भी रिश्ते की नींव भरोसे और ईमानदारी पर टिकी होती है. अगर आपका पार्टनर आपको लेकर ईमानदार ही नहीं है, तो इस तरह का रिश्ता लंबे समय तक टिक नहीं पाता है. अब, ईमारदारी से ज्यादातर लोग समझते हैं अपने पार्टनर से अलग किसी दूसरे व्यक्ति से फिजिकल रिलेशन न बनाना. हालांकि, रिलेशनशिप में ईमानदारी केवल इतने तक ही सीमित नहीं है. कभी-कभी लोग ऐसा कुछ कर जाते हैं जो धोखा तो नहीं लगता, लेकिन फिर भी रिश्ते में दरार ला सकता है. इसे माइक्रो-चीटिंग कहा जाता है. ये छोटे-छोटे काम होते हैं जो आपके पार्टनर की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं और आगे चलकर रिश्ते को कमजोर कर सकते हैं. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं माइक्रो-चीटिंग के कुछ कॉमन साइन-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर साइकोलॉजिस्ट राखी बीकरम ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में साइकोलॉजिस्ट ने माइक्रो-चीटिंग के 8 साइन बताए हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
साइन नंबर 1- अपने रिलेशनशिप को छुपाना या उसके बारे में झूठ बोलना. आसान भाषा में कहें, तो अगर आपका पार्टनर जानबूझकर लोगों से अपने रिश्ते के बारे में छिपाता है या रिलेशनशिप में होने के बाद भी खुद को सिंगल बताता है, तो इसे माइक्रो-चीटिंग कहा जाएगा.
साइन नंबर 2- किसी दूसरे व्यक्ति से फ्लर्टिंग करना. अगर पार्टनर किसी और से रोमांटिक बातें कर रहा है या मजाक में ही किसी और से फ्लर्ट कर रहा है, तो ये माइक्रो-चीटिंग माना जाएगा.
साइन नंबर 3- कई लोग अपने एक्स से जुड़े रहते हैं या सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार स्टॉक करते हैं. यह आदत न केवल आपके अब के रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि पुराने रिश्तों को फिर से बढ़ाने करने का भी खतरा बन सकती है.
साइन नंबर 4- अपने पार्टनर से छुपकर किसी से मिलना या दोस्ती बढ़ाना भी माइक्रो-चीटिंग का हिस्सा है.
साइन नंबर 5- सोशल मीडिया पर किसी की तस्वीर को बार-बार लाइक करना, आकर्षक कमेंट करना या ऐसे अकाउंट फॉलो करना जो आपके रिश्ते के लिए खतरा बन सकते हैं, ये सब ऐसे संकेत हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
साइन नंबर 6- अगर आप किसी ऐसे इंसान से अपने पार्टनर की बुराई करते हैं जो खुद आपको पसंद करता है या जिससे आप आकर्षित हैं, तो ये गलत है.
साइन नंबर 7- अगर आपका पार्टनर किसी अन्य व्यक्ति को बार-बार अपनी फोटो भेजता है, या उनसे फोटो मांगता है, तो ये भी माइक्रो-चीटिंग का हिस्सा है.
साइन नंबर 8- इन सब से अलग किसी के साथ बातचीत छुपाने के लिए उनका नाम बदलकर सेव करना भी धोखे की तरह होता है.
माइक्रो-चीटिंग के पीछे अक्सर यह सोच होती है कि 'मैंने कुछ बड़ा तो किया नहीं', लेकिन ये छोटी-छोटी चीजें भी रिश्ते में दरार ला सकती हैं. अगर आपका पार्टनर भी इस तरह की चीजें कर रहा है, तो इसे लेकर उनसे खुलकर बात करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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