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This Article is From Feb 25, 2024

माता-पिता की ये गलतियां बच्चों में डालती हैं बुरी आदतें, बिगड़ते हैं बच्चे तो पैरेंट्स को होती है दिक्कत

Parenting Mistakes: पैरेंट्स अक्सर ही ऐसे कई काम कर देते हैं जिनका बुरा प्रभाव बच्चों पर जरूरत से ज्यादा पड़ता है और माता-पिता बच्चों को ही दोषी ठहराने लगते हैं. कहीं आप भी तो यही गलती नहीं करते?

माता-पिता की ये गलतियां बच्चों में डालती हैं बुरी आदतें, बिगड़ते हैं बच्चे तो पैरेंट्स को होती है दिक्कत
Mistakes That Spoil Children: बच्चों पर बुरा प्रभाव डालती हैं माता-पिता की ये गलतियां. 

Parenting Tips: बच्चे की परवरिश उसके व्यक्तित्व को निखारने का भी काम करती है और बिगाड़ने का भी. माता-पिता की आदतें कैसी हैं और किस तरह वे बच्चों को बढ़ा करते हैं इसका प्रभाव बच्चों पर खूब पड़ता है. लेकिन, कई बार बच्चे के झूठ बोलने की आदत, बच्चे के हर काम के लिए मना करने की आदत और बच्चे के हर बात पर बहस करने की आदत भी माता-पिता की परवरिश में की गई गलतियों (Parenting Mistakes) के चलते हो सकता है. यहां जानिए माता-पिता के व्यवहार की वो कौनसी चीजें हैं जो बच्चों को बिगाड़ने वाली साबित होती हैं या कहें बच्चों में बुरी आदतें डालती हैं.

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बच्चों को बिगाड़ने वाली पैरेंटिंग की गलतियां | Parenting Mistakes That Spoil Children 

बच्चों के सामने झूठ बोलना 

अक्सर ही मजाक या मस्ती करने के लिए या फिर किसी से लड़ाई ना हो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता बच्चों के सामने झूठ बोलने लगते हैं. माता-पिता की इस झूठ बोलने (Lying) की आदत को बच्चे तेजी से कैच करते हैं और खुद भी झूठ कहना शुरू कर देते हैं. पहले यह झूठ छोटे होते हैं और फिर बढ़ते जाते हैं. 

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बच्चों की इमोशनल ग्रोथ रोकना 

बहुत से माता-पिता बच्चों को कहते हैं कि रोना नहीं चाहिए या फिर हर समय हंसते मत रहा करो या फिर बुरा लगे तब भी गुस्सा क्यों कर रहे हो, ऐसी बातें बच्चों को अंदर तक दुख पहुंचाने वाली साबित होती हैं. बच्चे अपने ही इमोशंस को समझ नहीं पाते और बच्चों की इमोशनल ग्रोथ (Emotional Growth) भी ठीक तरह से नहीं हो पाती है. ऐसे बच्चे असंवेदनशील भी हो सकते हैं या फिर ओवर इमोशनल. 

बच्चों के लिए सारे फैसले खुद लेना 

बच्चे बढ़े हो जाते हैं तो माता-पिता की शिकायत रहती है कि वे अपने निर्णय खुद क्यों नहीं ले सकते या फिर बच्चे हर बात से घबराते क्यों हैं. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पैरेंट्स बचपन से कभी बच्चों को उनके कोई निर्णय लेने ही नहीं देते हैं. जब ऐसा होता है तो बच्चे कुछ भी करने से पहले सौ बार सोचते हैं और कोई भी काम करने से डरने लगते हैं. इससे बच्चों में प्रोब्लम सोल्विंग स्किल्स भी नहीं पाती हैं. 

बच्चों के सामने लड़ते रहना 

पैरेंट्स को लगता है कि थोड़ी-बहुत लड़ाई अगर बच्चों के सामने कर ली जाए तो उसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन, बच्चे इस लड़ाई से बहुत कुछ सीख लेते हैं. बच्चे पैरेंट्स (Parents) से बहस करने लगते हैं और उन्हें लगता है कि इस तरह से बहस करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि माता-पिता आपस में भी तो बहस करते ही हैं.

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