
Study Tips: सबसे कठिन विषयों में गणित आता है. पांचवी कक्षा के बाद गणित में कई तरह के फॉर्मुले आ जाते हैं जिस चलते इस विषय में बच्चे पिछड़ने लगते हैं. लेकिन, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की सर्वे रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि तीसरी कक्षा के बच्चों को बेसिक मैथ्स (Basic Maths) भी नहीं आती है और वे आकृतियों की भी पहचान नहीं कर पाते हैं. देशभर में निजी और सरकारी 74,229 स्कूलों में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 5,99,026 बच्चों और बिहार के 27013 बच्चों पर किए गए इस सर्वे में टेस्ट लिया गया था. मूल्यांकन में सामने आया कि देशभर में 60 फीसदी बच्चों ने ही गणित में बेहतर प्रदर्शन किया और 40 फीसदी बच्चे ऐसे थे जो कक्षा के अनुसार सवालों को हल नहीं कर सके. वहीं, 31 फीसदी बच्चे आस-पास की आकृतियों को नहीं पहचान पाए. बच्चों को छोटी कक्षाओं में भी गणित ना आना चिंता का विषय है. ऐसे में माता-पिता को स्कूल के भरोसे ही ना रहते हुए बच्चे की गणित सुधारने के लिए घर पर ही उन्हें पढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. यहां जानिए किस तरह पैरेंट्स बच्चे को मैथ्म में मदद कर सकते हैं.
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कैसे सुधारें बच्चों की मैथ्स | How To Improve Children's Maths
मैथ्स को मजेदार बनाएंबच्चे की गणित सुधर जाए इसके लिए उसे इस विषय (Subject) से प्यार करना सिखाएं. यह तभी हो पाएगा जब बच्चे को गणित का जमा-घटा करने में मजा आएगा. इसके लिए बच्चे के लिए मैथ्स वाले गेम्स लेकर आएं. उसे सुडोकू, पजल्स मोनोपली समेत ब्रेन टीजर्स वाले गेम्स खिलवाएं.
प्रैक्टिस है जरूरीबच्चे को मैथ्स के सवाल-जवाब सिर्फ कॉपी में उतारने के लिए ही नहा कहें बल्कि उसे मैथ्स के सवाल हल करने के लिए दें और प्रैक्टिस करवाते रहें. अगर फॉर्मूले हैं तो उन्हें रट्टा मारने के बजाय अलग-अलग सवालों को इन्हीं फॉर्मूले से सॉल्व करने के लिए कहें. इस प्रैक्टिस से ही बच्चे अपनी गणित सुधार सकेंगे.
क्रिटिकल थिंकिंग पर दें ध्यानबच्चों की क्रिटिकल थिंकिंग अच्छी होती है तो वे गणित में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं. इसके लिए बच्चों को आप ऐसे शोज दिखा सकते हैं जो उनकी जिज्ञासा बढ़ाएं. बच्चों को एक्सपेरिमेंट्स वाले खेल खिलवाएं, उन्हें सामान लाने के लिए पैसे दें और खुद हिसाब लगाने दें और रियल लाइफ सिचुएशन दें जिससे बच्चे जो कुछ पढ़ रहे हैं उसका प्रैक्टिकल भी समझ सकें.
डांट-डपटकर ना पढ़ाएं गणितबच्चे को गणित पढ़ाने के लिए पेशंस की जरूरत होती है. लेकिन, अगर बच्चे को हर बात पर डांटते रहें या जब गणित पढ़ाई जाए तब उसकी पिटाई की जाए तो वह गणित से रिश्ता बिगाड़ लेता है, उसे लगता है कि यह सब्जेक्ट ही खराब है और वह इससे जितना दूर रहे उतना अच्छा है. आपको ध्यान रखना है कि आपके बच्चे के साथ ऐसा ना हो. इसीलिए बाकी विषयों की तरह ही मैथ्स को भी आराम से पढ़ाएं.
करें बच्चों की सराहनाबच्चा जब कोई सवाल हल करे तो उसकी सराहना करें. इससे बच्चे का कोंफिडेंस बढ़ेगा और उसे और ज्यादा बेहतर करने की इच्छा होगी. इस तरह बच्चे के लिए गणित का विषय आसान और मजेदार बनने लगेगा और वह इस विषय में उसका प्रदर्शन भी बेहतर होगा.