Unhealthy Habits: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के चलते पेट से जुड़ी समस्याएं बहुत ही आम हो गई हैं. हालांकि, कुछ भी खराब होने से पहले ही पेट संकेत देने लगता है, जिसकी समय रहते पहचान और बचाव जरूरी है. डॉ. चेतन कलाल, कंसल्टेंट हेपेटोलॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट फिजिशियन, सैफी हॉस्पिटल के अनुसार, हम अक्सर अपने पेट को सिर्फ खाने को पचाने वाला अंग समझते हैं, लेकिन यह शरीर का एक शक्तिशाली केंद्र है. पेट में मौजूद ट्रिलियन्स की संख्या में सूक्ष्म जीवाणु सेहत को प्रभावित करते हैं. इसके चलते इम्यूनिटी कमजोर, एनर्जी लेवल, मूड और नींद भी प्रभावित होती है. ऐसे में पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए डेली रूटीन की कुछ अनहेल्दी चीजों से दूरी बनानी होगी. डॉ. चेतन कलाल के मुताबिक, इन संकेतों को समय रहते पहचानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप अपनी आदतों में सुधार कर बड़े स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं.
लगातार गैस, ब्लोटिंग या हार्टबर्न
खाना खाने के बाद पेट में सूजन या गैस महसूस होता है तो इसका मतलब है कि आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है. पाचन ठीक से नहीं हो रहा या पेट के जीवाणु असंतुलित हो गए हैं.
अनियमित मल, बहुत कड़ा या बहुत ढीलाअगर, कब्ज और दस्त के बीच लगातार बदलाव हो रहा है, तो यह संकेत है कि पेट की लय बिगड़ गई है. यह खराब पाचन या भोजन पेट में बहुत धीरे या जल्दी जाने की वजह से हो सकता है.
थकान, मूड में बदलाव या नींद न आनाक्या कभी आपने महसूस किया कि पेट खराब होने से आपका मूड भी खराब हो जाता है? यह गट-ब्रेन कनेक्शन का असर है. असंतुलित पेट पोषण अवशोषण और सूजन को प्रभावित कर सकता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन या नींद न आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
जंक फूड क्रेविंगजंक फूड को देखते ही खाने की क्रेविंग होती है तो पेट के जीवाणु भूख हार्मोन को प्रभावित कर रहे हैं. अक्सर ऐसा होता है कि अचानक मिठाई या चिप्स को देखते ही खाने की इच्छा होती है. ऐसे में कुछ ही खाने से बचना जरूरी है.
त्वचा पर दाग-धब्बेपेट हमारे शरीर में पोषक तत्वों को अवशोषित करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करता है. जब पेट संघर्ष कर रहा होता है, तो इसका असर त्वचा, बालों, नाखूनों और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर दिखता है.
कैसे करें बचावडॉ. कलाल के मुताबिक, पेट को हेल्दी रखने के लिए डेली रूटीन या फिर अपने आहार में शामिल करें. पेट को हेल्दी रखने के लिए खाने में फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए. सब्जियां, फल, दालें, साबुत अनाज को अपने खाने में शामिल करें.
- जंक फूड कम करना
- नियमित भोजन
- पर्याप्त नींद
- तनाव कम रखना
- एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन जरूरत पड़ने पर ही करें
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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