Motivational Story: मुंबई की रहने वाली 15 साल की अनामता की जिंदगी ने तब मोड़ लिया जब उनके साथ 2 साल पहले यह हादसा हुआ. 11 केवी केबल से इलेक्ट्रिक शॉक लगने के कारण अनामता ने महज 13 साल की उम्र में ही अपना एक हाथ खो दिया था. यह हादसा तब हुआ था जब अनामता (Anamta Ahmed) अपने कजिंस के साथ अलीगढ़ में थीं और खेल रही थीं. अनामता को बिजली के झटके की वजह से शरीर पर कई जलने के निशान भी पड़े थे.
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इस हादसे ने अनामता की जिंदगी बदल दी. अनामता ने अपना दायां हाथ खो दिया और बाएं हाथ की काम करने की शक्ति सिर्फ 20 प्रतिशत ही बची थी. लगभग 50 दिनों के लिए अनामता को बिस्तर पर ही रहना पड़ा. लेकिन, कहते हैं ना जिंदगी किसी के लिए नहीं रुकती और आगे बढ़ती रहती है, अनामता भी जिंदगी के साथ आगे बढ़ गईं. अपनी चोटों और इस सदमे से उभरकर अनामता ने 12वीं के आईसीएसई बॉर्ड में 92 प्रतिशत लाकर टॉप किया है. हिंदी में अनामता को 98 प्रतिशत नंबर मिले हैं और वह इस विषय की टॉप स्कॉरर हैं.
डॉक्टरों ने अनामता के माता-पिता को यह सलाह दी थी कि अनामता को पढ़ाई से एक-दो साल का ब्रेक ले लेना चाहिए लेकिन अनामता ब्रेक नहीं लेना चाहती थीं, उनकी इतने समय तक घर पर खाली रहने की इच्छा नहीं थी. अनामता ने अपना मन बना लिया था कि यह हादसा उनके आने वाले जीवन को निर्धारित नहीं करेगा. अनामता के अनुसार, वे अपने आपको भाग्यशाली मानती हैं कि वे इस हादसे से जिंदा बच निकलीं. वे अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि घर आने वाले सभी लोगों से यही कहती हैं कि उन्हें किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए. अनामता के इसी जज्बे ने उन्हें अपनी मुश्किलों को पीछे कर आगे बढ़ने का हौंसला दिया है. अपनी पढ़ाई पर फोकस करके अनामिता ने ना सिर्फ परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की है बल्कि टॉप करके सभी को गौरांवित कर दिया है.
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