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गिलोय के साथ मिलाएं बस ये 2 तरह की पत्तियां, बन जाएगा सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज, जानिए बनाने का सही तरीका

आम सर्दी जुकाम के लिए घरेलू नुस्खे ही आजमाए जाते थे. ऐसा ही एक नुस्खा है गिलोय का नुस्खा. गिलोय में दो तरह की पत्तियां मिलाकर आप ऐसी चाय बना सकते हैं जो आपको सर्दी जुकाम जैसी छोटी मोटी तकलीफों से निजात दिला सकती है.

गिलोय के साथ मिलाएं बस ये 2 तरह की पत्तियां, बन जाएगा सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज, जानिए बनाने का सही तरीका
How to make giloy tea : गिलोय की चाय बनाने का तरीका जानें यहां.

Health Tips: सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार (Fever) का मौसम आ ही गया समझिए. इस सीजन में क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सब बहुत आसानी से मौसम की बेरहमी का शिकार हो जाते हैं. नतीजा ये होता है कि बार बार दवाओं (Medicines) का सहारा लेना पड़ता है. तब जाकर सेहत सही रह पाती है. लेकिन ज्यादा दवा लेना भी शरीर को कुछ न कुछ नुकसान पहुंचाता ही है. नानी- दादी के पुराने दौर में इन बीमारियों के लिए दवा तब ही ली जाती थी जब हालत बहुत खराब हो जाए. आम सर्दी जुकाम के लिए घरेलू नुस्खे (Home Remedy) ही आजमाए जाते थे. ऐसा ही एक नुस्खा है गिलोय (Giloy) का नुस्खा. गिलोय में दो तरह की पत्तियां मिलाकर आप ऐसी चाय बना सकते हैं जो आपको सर्दी जुकाम जैसी छोटी मोटी तकलीफों से निजात दिला सकती है.

ऐसे बनाएं गिलोय की चाय (How To Make Giloy Tea)

इन चीजों से बनाएं गिलोय की चाय

इंस्टाग्राम पर कैलाशवति ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से गिलोय का ये पुराना नुस्खा शेयर किया है. कैलाशवति एक गार्डनर हैं. जो पिछले 70 साल से औषधीय पेड़ पौधों के गुणों को आजमा रही हैं और उन्हें शेयर भी कर रही हैं. कैलाशवति के मुताबिक सर्दी जुकाम होने पर बच्चों को एंटीबायोटिक देने की जल्दबाजी नहीं करना चाहिए. इससे शरीर को नुकसान होता है. इसकी जगह गिलोए की चाय पिलानी चाहिए. कलावति के व्लॉग के मुताबिक गिलोए की चाय बनाने के लिए उसके साथ कड़वी नीम की पत्तियां और तुलसी की पत्तियां मिलनी चाहिए.

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ऐसे बनाएं गिलोए की चाय

कलावति ने अपने इस व्लॉग में गिलोए की चाय बनाने का तरीका भी बताया है. इस तरीके के मुताबिक सबसे पहले गिलोए की एक छड़ ले लीजिए. इस छड़ को क्रश करके पानी में डाल दीजिए. इसी पानी में कड़वी नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते डाल दीजिए. और, इस पानी को उबलने दीजिए. पानी को तब तक उबालना है जब वो रखी गई मात्रा के मुकाबले उबल उबल कर आधा न हो जाए. जब पानी आधा बचे तब उसे पी जाना है. 

कलावति ने ये सलाह भी दी है कि अगर बच्चों को ये चाय पिलाते हैं तो कड़वी नीम की मात्रा कुछ कम रखें या फिर कड़वी नीम का इस्तेमाल ही न करें. हो सकता है कड़वी नीम की वजह से बच्चा ये चाय पीने में आनाकानी करे.

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