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ब्‍लड प्रेशर, शुगर लेवल, कोलेस्‍ट्रॉल और हीमोग्‍लोब‍िन का सामान्‍य लेवल क‍ितना होना चाह‍िए? चल‍िए एक्‍सपर्ट से जानते हैं आपकी हेल्‍थ र‍िपोर्ट

Health Markers : न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट सोनिया नारंग ने इंस्टाग्राम वीडियो में शरीर के जरूरी हेल्थ पैरामीटर्स की नॉर्मल रेंज शेयर किया है, जो आपकी सेहत की रियल कंडीशन को समझने में मदद करती है और समय पर बीमारियों की पहचान करने में मददगार हो सकते हैं.

ब्‍लड प्रेशर, शुगर लेवल, कोलेस्‍ट्रॉल और हीमोग्‍लोब‍िन का सामान्‍य लेवल क‍ितना होना चाह‍िए? चल‍िए एक्‍सपर्ट से जानते हैं आपकी हेल्‍थ र‍िपोर्ट
Ideal Body Parameters: क्या आप जानते हो आपकी हेल्थ रिपोर्ट क्या कहती है?

Health Markers : क्या आप जानते हैं कि आपका बीपी, शुगर लेवल या हीमोग्लोबिन लेवल कितना होना चाहिए. अगर नहीं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है. इंस्टाग्राम पर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन सोनिया नारंग ने @sonianarangsdietclinics पर एक बेहद जरूरी हेल्थ वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने शरीर के हर जरूरी हेल्थ पैरामीटर (Normal and Dangerous Health Parameter Values) का सटीक रेंज बताया है. उनका कहना है कि हेल्दी बॉडी के लिए हमें सिर्फ वजन या ब्लड प्रेशर नहीं, बल्कि कई और फैक्टर्स (Full Body Health Checkup Parameters) पर भी ध्यान देना चाहिए. इसलिए हर पैरामीटर का नॉर्मल लेवल (Ideal Body Parameters for Adults) जानना जरूरी है. आइए जानते हैं कि बॉडी में क्या-क्या नॉर्मल होना चाहिए और कब समझना चाहिए कि खतरे की घंटी बज रही है.

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शरीर के जरूरी हेल्थ पैरामीटर्स और उनका नॉर्मल रेंज

ब्लड प्रेशर | Blood Pressure

  • सोनिया नारंग के अनुसार, ब्लड प्रेशर का नॉर्मल रेंज 120/80 mmHg होना चाहिए. अगर इससे ज्यादा है तो हाई बीपी, कम है तो लो बीपी की कंडीशन हो सकती है. ये दिल और किडनी दोनों के हेल्थ से जुड़ा हुआ है.

पल्स रेट | Pulse Rate

  • पल्स रेट का नॉर्मल रेंज 60 से 100 बीट प्रति मिनट है. लगातार रेस्टिंग पल्स अगर 100 से ऊपर है तो, हार्ट पर लोड बढ़ सकता है. स्ट्रेस मैनेजमेंट और एक्टिव लाइफस्टाइल से इसे कंट्रोल रखा जा सकता है.

शुगर लेवल | Blood Sugar

  • खाली पेट शुगर लेवल 70 से 100 mg/dL तक होना चाहिए, जबकि खाने के बाद 140 mg/dL से कम होना बेहतर होता है. डायबिटीज का पहला संकेत यहीं से शुरू होता है. अगर इसे सही समय पर समझ लिया जाए तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है.
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कोलेस्ट्रॉल | Cholesterol 

  • WHO के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट डिजीज की वजह से होती है. हर साल लगभग 1.80 करोड़ लोगों की मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से हो जाती है. हार्ट अटैक (Heart Attack) का सबसे बड़ा कारण हाई कोलेस्ट्रॉल है. यह जब तक खतरे की सीमा पार नहीं कर जाता, कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. आम धारणा है कि हाई कोलेस्ट्रॉल सिर्फ दिल को खतरा पहुंचाता है, जबकि इससे शरीर को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं. सोनिया नारंग बताती हैं कि नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dL से कम होना ही सेहत के लिए अच्छा होता है. इससे ज्यादा हो तो आर्टरीज ब्लॉक होने लगती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.

ब्रीदिंग रेट | Breathing Rate

  • ब्रीदिंग रेट 12-16 सांसें प्रति मिनट होनी चाहिए. इससे ज्यादा या बहुत कम ब्रीदिंग रेट किसी भी हार्ट या लंग कंडीशन का संकेत हो सकता है. ऐसे में समय रहते इस संकेत को समझना और इसे बेहतर बनाए रखना बेहद जरूरी है.

हीमोग्लोबिन | Hemoglobin

  • सोनिया नारंग के मुताबिक, महिलाओं के लिए हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 12 से 16 g/dL और पुरुषों के लिए 14 से 18 g/dL के बीच होना चाहिए. कम हीमोग्लोबिन मतलब शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई कम होना, जिससे थकान ज्यादा लगती है और कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

शरीर का तापमान | Body Temperature

  • हम सभी की बॉडी का नॉर्मल टेंपरेचर आमतौर पर 98.2°F से 98.6°F के बीच बना रहना चाहिए. इससे ज्यादा होने का मतलब है कि आपको बुखार है. इस रेंज से कम टेंपरेचर होना भी हाइपोथर्मिया का संकेत हो सकता है. यह ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से बहुत कम 95°F (35°C) से नीचे हो जाता है. यह एक मेडिकल इमरजेंसी कंडीशन मानी जाती है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.

ब्लड वॉल्यूम | Blood Volume

  • हमारे शरीर में 5-6 लीटर खून होना चाहिए. शरीर के हर अंग को पोषण देने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए ये जरूरी है. अगर ऐसा नहीं है तो एनीमिया का खतरा होता है. साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बन सकता है. इसकी वजह से थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत और हार्ट बीट तेज होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

ट्राइग्लिसराइड | Triglyceride

  • ट्राइग्लिसराइड एक तरह का वसा (लिपिड) है, जो ब्लड में पाया जाता है. यह शरीर में ऊर्जा का रूप होता है . जब हम ज्यादा कैलोरी लेते हैं तो शरीर उन्हें ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है, जिन्हें वसा कोशिकाओं में स्टोर किया जाता है. इसका नॉर्मल रेंज 150 mg/dL से कम होना चाहिए. ज्यादा ट्राइग्लिसराइड फैटी लीवर, ब्लड क्लॉट्स और हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकता है.

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