
Parenting Tips: अक्सर पेरेंट्स की परेशानी होती है कि उनका छोटा बच्चा गोदी में तो आसानी से सो जाता है, लेकिन जैसे ही उसे बेड पर लिटाया जाता है, वो तुरंत रोने लगता है. इस कंडीशन में कई बार माता-पिता बहुत परेशान हो जाते हैं. बच्चे की नींद न टूटे, इसके लिए वे खुद ठीक से नहीं सो पाते हैं. कई बार तो बच्चे को घंटों गोदी में लेकर खड़े रहना पड़ता है. अगर आप भी अक्सर इस परेशानी से गुजरते हैं, तो ये आर्टिकल आपके बड़े काम का साबित हो सकता है. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं छोटे बच्चे ऐसा क्यों करते हैं और उनकी इस आदत को कैसे छुड़ाया जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर पीडियाट्रिशियन निमिशा अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में बच्चों की डॉक्टर बताती हैं, शिशु को मां की गोद में सुरक्षा और गर्माहट का एहसास होता है. जब बच्चा आपकी गोद में होता है, तो उसे आपके दिल की धड़कन, आवाज और शरीर की गंध महसूस होती है, जो उसे सुकून देती है. वहीं, जैसे ही बच्चे को बेड पर लिटाया जाता है, तो ये एहसास हट जाता है. इससे बच्चा डर जाता है, उसे वो कंफर्ट नहीं मिलता है या उसे नीचे गिरने जैसा एहसास होने लगता है. यही वजह है कि वो बेड पर लेटते ही रोने लगता है. हालांकि, आप कुछ खास तरीके अपनाकर इस सिचुएशन को ठीक कर सकते हैं.
क्या करें?- डॉक्टर अरोड़ा बताती हैं, इस कंडीशन से डील करने के लिए पहले बच्चे को गोदी में सुलाएं, जब बच्चा गहरी नींद में हो, तब उसे धीरे से बेड पर लिटा दें.
- बच्चे को स्वाडल करें यानी आप अपने बच्चे को सुलाते समय उसके चारो ओर कोई कपड़ा लपेट सकते हैं. डॉक्टर बताती हैं कि ऐसा करने से बच्चे को सुरक्षित और आरामदायक महसूस होता है, जिससे भी बच्चा बेड पर सो जाता है.
- बेड को आरामदायक बनाएं. आप बच्चे के बेड पर नरम चादरें, हल्का कंबल और मां की गंध वाला कपड़ा रख सकते हैं. इससे उसे गोद जैसा ही एहसास होगा.
- आप बच्चे को बेड पर लिटाकर लौरी सुना सकते हैं या थोड़ी देर उसे थपथपा सकते हैं.
- इन सब से अलग डॉक्टर बच्चे को बेड पर सुलाते वक्त सावधानी बरतने की सलाह देती हैं. इसके लिए पहले बच्चे को पैर और पीठ की ओर से बेड पर लिटाएं और फिर धीरे-धीरे उसका सिर नीचे की ओर रखें. ऐसा करने से बच्चे को गिरने जैसा एहसास नहीं होगा और वो बेड पर आराम से सो पाएगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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