
Exercise in Alzheimer : अल्जाइमर दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है. इसकी शुरूआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 21 सितंबर सन 984 को की थी. इस दिन को मनाने का उद्देश्य अल्जाइमर रोग के साथ-साथ अन्य प्रकार के मनोभ्रंश से जुड़े कलंक को भी मिटाना है. अल्जाइमर रोग एक प्रकार का मस्तिष्क विकार है, जो याद्दाश्त, सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है. जिससे आपके दैनिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है. यह आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम 3 ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जो अल्जाइमर जैसे रोग के जोखिम से आपको बचा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं उन योगाभ्यासों के बारे में.
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अल्जाइमर में कौन सा योगासन करें
वज्रासन
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वज्रासन न केवल मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है बल्कि पाचन शक्ति भी ठीक रखता है, घुटनों के दर्द में राहत देता है, जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पीठ दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार होता है. यह आसन मूत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में भी मददगार साबित हो सकता है.
सिद्धासन
यह आसन आपके दिमाग को शांत और सतर्क रखता है, चक्रों को सक्रिय करता है, चिंता और तनाव को दूर करता है. इसके अलावा यह योगाभ्यास आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, पीठ दर्द में भी राहत पहुंचाता है. यह आपके कुल्हों और छाती को भी खोलता है.
पश्चिमोत्तानासन

इस आसन के प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में से एक यह है कि यह शरीर को शांत करता है और दिमाग को आराम देता है. यह सिर में रक्त संचार को बेहतर करने में भी मदद करता है जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है. इससे अनिद्रा, अवसाद और चिंता कम होती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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