
Heathy Tips: महिलाएं अक्सर ही अपने बच्चों के खानपान का तो खूब ख्याल रखती हैं, एक-एक चीज सोच-समझकर पकाती हैं और बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक भोजन देने की कोशिश करती हैं लेकिन इस बीच अपने खानपान का ध्यान रखना भूल जाती हैं. ऐसे में एक उम्र के बाद बच्चों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपनी मां की सेहत (Mother's Health) का ख्याल रखें. अगर आपकी मां भी 50 साल से ज्यादा उम्र की हो गई हैं तो उनके खानपान में न्यूट्रिशनिस्ट के बताए कुछ फूड्स को जरूर शामिल करें. ये फूड्स मेनोपॉज, गट हेल्थ, स्लीप क्वालिटी और इम्यूनिटी वगैरह से जुड़ी दिक्कतों को दूर करेंगे और मां की सेहत को दुरुस्त रखेंगे. इन फूड्स को खाने की सलाह दे रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट मिरुना बाष्कर. यहां जानिए न्यूट्रिशनिस्ट (Nutritionist) की बताई ये खाने की चीजें कौनसी हैं.
मां की डाइट में शामिल करें ये 5 फूड्स | 5 Foods To Add In Mother's Diet
काली किशमिश40 से 50 वर्षीय महिला के शरीर में मोनोपॉज और मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग के कारण आयरन की कमी हो जाती है. ऐसे में काली किशिमिश (Black Raisins) को डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है. काली किशमिश को भिगोकर खाने पर शरीर को फायदा मिलता है. काली किशमिश आयरन से भरपूर होती है और शरीर की एनर्जी को बूस्ट करने के साथ ही हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन में भी मददगार है. रात में 4 से 5 काली किशमिश को भिगोएं और अगली सुबह मां को ये किशमिश खाली पेट खाने के लिए दें.
अलसी के बीजओमेगा-3 और लिग्नेंस से भरपूर अलसी के बीज शरीर में हार्मोंस को बैलेंस करते हैं, मेनोपॉज (Menopause) के लक्षणों को कम करते हैं और दिल के साथ ही स्किन की सेहत अच्छी रखने में भी मददगार होते हैं. अलसी के बीजों को पीसकर आटे में मिलाकर रोटियां बनाई जा सकती हैं, स्मूदी बना सकते हैं या फिर दही में मिलाकर खा सकते हैं.
चिया सीड्सहेल्दी बीजों में चिया सीड्स (Chia Seeds) की गिनती होती है. चिया सीड्स में ब्रेन बूस्टिंग गुण होते हैं और ये बीज पाचन के लिए भी बेहद अच्छे हैं. इन बीजों में ओमेगा-3 और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है जिस चलते इन्हें खाने पर पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है. न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि एक चम्मच चिया सीड्स को 4 से 5 घंटे भिगोकर रखने के बाद सुबह या शाम इसका पानी पिया जा सकता है.
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर होते हैं. ऐसे में इन बीजों को खाने पर स्लीप क्वालिटी बेहतर होती है, जोड़ों का दर्द कम होता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बेहतर होती है सो अलग. कद्दू के बीजों को हल्का भूनकर खा सकते हैं. इन्हें सलाद या सूप में डाला जा सकता है और इवनिंग स्नैक्स की तरह भी खा सकते हैं.
तिलकाले या सफेद तिल महिलाओं की सेहत (Women's Health) के लिए बेहद अच्छे हैं. महिलाओं की उम्र जब 40 से ज्यादा हो जाती है तो उनकी बोन डेंसिटी कम होने लगती है. ऐसे में तिल को खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है. तिल में कैल्शियम, जिंक और बोरोन होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है और हार्मोंस को बेहतर रखता है. तिल को चटनी में डाला जा सकता है, इनके लड्डू बनाए जा सकते हैं या फिर परांठे में भी डाल सकते हैं.
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