
Benefits of Talking to Girlfriend: दोस्ती का रिश्ता सभी के लिए बहुत खास होता है.जब एक लड़के और लड़की में बीच दोस्ती हो, तो यह और भी खास हो जाता है. साइंस के मुताबिक गर्लफ्रेंड के होने से लड़कों को बहुत सारे फायदे (Girlfriend Se Bat Karne Se Fayda) होते हैं. लड़कियों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है जिससे वे खुश रहती हैं और अपने आसपास के लोगों को भी खुश रखने में मदद करती हैं. इससे मेंटल हेल्थ पर अच्छा प्रभाव (Relationship Ka Brain Par Assar) होता है. हाल ही में हुए एक रिसर्च में यह भी सामने आया है कि पांच मिनट तक अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने का फायदा आधे घंटे एक्सरसाइज करने के बराबर (Girlfriend Se Bat Karna Aur Exercise) हो सकता है. इंस्टाग्राम पर indikhabarlive अकाउंट से इस बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है और गर्लफ्रेंड होने के क्या क्या और हो सकते हैं फायदे…..
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ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का प्रभाव (what is Oxytocin Hormone)
ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन को लव होर्मोन भी कहा जाता है. इस हॉर्मोन के कारण नेचर में संवेदनशीलता का गुण आता है. इस हॉर्मोन के कारण लड़कियां ज्यादा केयरिंग होती है. उनके ज्यादातर गुणों के पीछे यही हार्मोन काम करता है.
गर्लफ्रेंड से बात करना एक्सरसाइज की तरह क्यों होता है (Why talking to your favorite woman is like exercise)
हाल ही में हुए रिसर्च में रिलेशनशिप और कम्यूनिकेशन को लेकर खुलासा हुआ है कि मनपसंद फीमेल से बात करना एक्सरसाइज के समान है. यह बातचीत ब्रेन और इमोशंस दोनों को एक्टिव कर देती है. ऐसी बातचीत में व्यक्ति को इमोशनल अंडरस्टैंडिंग, पेशेंस और मेंटल एनर्जी की जरूरत होती है, जो मेंटल वर्कआउट के समान काम करती है. यह टेंशन को कम करने और कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में भी मदद करती है. रिसर्च के अनुसार अच्छी कम्युनिकेशन रिलेशन को मजबूत करने क साथ साथ मेंटल हेल्थ को भी बेहतर करती है.

पसंदीदा महिला से बात करने के फायदे (Talk to your favorite woman )
डिप्रेशन से बचाव
गर्लफ्रेंड के कारण ऑक्सीटोसिन हार्मोन बढ़ता है और यह टेंशन को दूर रखता है. इससे एंग्जाइटी जैसे सीरियस किस्म में टेंशन से निपटने में मदद मिलती है.
इमोशंस का मैनेजमेंट
ज्यादातर लड़के अपनीं इमोशंस जाहिर नहीं कर पाते हैं. लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक इमोशनल होती है और कई बार फीलिंग्स शेयर नहीं करने के बावजूद वह आपकी परेशानी को समझ जाएगी.
अपनों के लिए प्रोटेक्टिव
साइंस के मुताबिक लड़कियों के ब्लड में हमेशा ऑक्सीटोसिन हार्मोन फ्लो होता रहता है इसलिए वे ज्यादा प्रोटेक्टिव मानी जाती हैं और अपने करीबियों का ध्यान रखती है.
इमोशनल, बौद्धिक और सामाजिक व्यवहार पर असर
ऑक्सीटोसिन ब्रेन के कई हिस्सों में पहुंचने के बाद बौद्धिकता के साथ-साथ भावनात्मक और सामाजिक व्यवहार को भी प्रभावित करता है. लड़कियों में इमोशनल लेवल पर चीजों को प्रोसेस करने की क्षमता ज्यादा बेहतर होती है और वे अपनी भावनाएं बेहतर ढंग से एक्सप्रेस कर पाती हैं. इससे उन्हें लड़कों के इमोशन को बेहतर समझने में मदद मिलती है और अपने रिश्ते को बेहतर तरीके से मैनेज करती हैं.
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