Personality Development: जब व्यक्ति की उम्र बढ़ती है तो अक्सर लोग उसके व्यवहार में भी बदलाव की अपेक्षा करते हैं. खासतौर तक व्यक्ति से मैच्योरिटी (Maturity) की उम्मीद की जाती है. तभी तो बहुत से लोगों को जीवन के कई पड़ावों पर यह तक सुनने को मिल जाता है कि तुम में बचपना बहुत है या फिर तुम अपरिपक्व या इम्मेच्योर हो. वहीं, कुछ ऐसे भी लोगों हैं जिन्हें देखकर ही कह दिया जाता है कि यह व्यक्ति मेच्योर है. मेच्योर लोगों (Mature People) को जिम्मेदार और समझदार भी कहा जाता है और इन लोगों को अक्सर रिलेशनशिप या लीडरशिप में भी सफलता मिलती है. यहां जानिए ऐसी कौनसी आदतें हैं जो किसी व्यक्ति को मेच्योर बनाती हैं और किस तरह आप भी खुद के अंदर इन आदतों को ढालकर मेच्योर बन सकते हैं.
मेच्योर लोगों में होती हैं ये आदतें | Habits Of Mature People
होता है सेल्फ कंट्रोलइन लोगों के अंदर सेल्फ कंट्रोल होता है. मेच्योर लोग कोई बात या कोई काम जगह के हिसाब से करते हैं. अगर इन्हें गुस्सा भी आता है तो यह लोगों के सामने गुस्से में ऐसा कुछ नहीं करते जिससे इन्हें बाद में पछतावा हो.
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अपनी बात पर कायम रहते हैंमेच्योर लोग अपनी कमिटमेंट्स से मुकरते नहीं हैं. वे अपने साथ-साथ दूसरे के समय और काम का सम्मान करते हैं और इसीलिए अपने मूड को खुद पर हावी होने देने के बजाय अपनी बात पर कायम रहना ज्यादा सही समझते हैं.
खुद की सफलता पर देते हैं ध्यानऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी सफलता से ज्यादा दूसरे व्यक्ति की असफलता पर ध्यान देते हैं, जबकि एक मेच्योर व्यक्ति अपनी सफलता पर ही ध्यानकेंद्रित करता है और जीवन में सफल भी बन जाता है. अपरिपक्व लोगों में हेल्दी कोंपिटीशन नहीं बल्कि दूसरों को नीचे करने की बुरी मंशा देखी जाती है.
खुद को करते हैं प्रायोरिटाइजमेच्योर लोग दूसरों से पहले अपनी मेंटल हेल्थ (Mental Health) और वेल बीइंग को प्रायोरिटाइज करते हैं. जब व्यक्ति खुद खुश रहता है और अपने आप पर ध्यान देता है तो वो दूसरों के सामने भी अपने बेस्ट वर्जन में नजर आता है.
बनाए रखते हैं संयमचाहे सिचुएशन कितनी ही हेक्टिक हो लेकिन मेच्योर लोग संयम बनाए रखते हैं. इसीलिए ऑफिस वगैरह में लीडरशिप वाले रोल भी उन्हीं लोगों को दिए जाते हैं जो संयम बनाए रखते हैं.
इमोशंस को समझने वालेमेच्योर लोग इमोशंस (Emotions) को समझते हैं. वे किसी इमोशन या फीलिंग को झुकलाते या उनसे भागते नहीं है बल्कि उनपर बात करते हैं, उन्हें वैल्यू करते हैं और आपस में होने वाली इमोशंस से जुड़ी परेशानियों को दूर करने की कोशिश करते हैं.
गलती मानना जानते हैंव्यक्ति जब मेच्योर होता है तो उसे अपनी गलती मानने से झिझक नहीं होती है. व्यक्ति इस बात को समझता है कि किसी और पर अपनी गलती को थोपने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि गलती इसलिए एक्सेप्ट की जाती है ताकि उसे सुधारा जा सके.
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