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This Article is From Apr 16, 2024

किसी भी छोटी-बड़ी बात पर रो देता है बच्चा, तो माता-पिता उसे इन 4 तरीकों से बना सकते हैं इमोशनली स्ट्रोंग 

बच्चों का रोना आम बात है, लेकिन कोई बच्चा अगर हर छोटी-बड़ी बात पर रो देता है तो यह चिंता का विषय हो सकता है. ऐसे में माता-पिता को बच्चे को इमोशनली स्ट्रोंग बनाने पर ध्यान देना चाहिए. 

किसी भी छोटी-बड़ी बात पर रो देता है बच्चा, तो माता-पिता उसे इन 4 तरीकों से बना सकते हैं इमोशनली स्ट्रोंग 
इस तरह बनेगा बच्चा इमोशनली स्ट्रोंग.

Parenting Tips: बच्चे की परवरिश उसके व्यक्तित्व को शेप देती है. इसमें कोई दोराय नहीं कि जिस तरह माता-पिता बच्चे को पालते हैं उससे बच्चे का हर काम, व्यवहार और आदत प्रभावित होती है. कई बार परवरिश की ही कुछ गलतियों या कहें भूल के चलते बच्चे इमोशनली कमजोर हो जा सकते हैं. ये बच्चे बात-बात पर रो सकते हैं, बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं या फिर अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाते. देखा जाए तो ऐसे बहुत से वयस्क लोग भी हैं जो इमोशनली स्ट्रोंग (Emotionally Strong) नहीं होते हैं लेकिन यदि बचपन से ही बच्चे के इमोशंस पर ध्यान दिया जाए और परवरिश की छोटी-मोटी बातों पर गौर किया जाए तो माता-पिता बच्चे को इमोशनली स्ट्रोंग बना सकते हैं. 

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बच्चे को कैसे बनाएं इमोशनली स्ट्रोंग 

  1. माता-पिता (Parents) को यह बात ध्यान में रखनी जरूरी है कि वे बच्चे की फीलिंग्स की कद्र करें. अगर बच्चा किसी बात से डरता है, घबराता है या फिर अच्छा महसूस नहीं करता है तो उसे जहां-तहां डांट देने या कुछ कठोर कहने के बजाय उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें और उसे इन फीलिंग्स से उभरने का मौका दें. 
  2. बच्चे को जिन बातों से परेशानी होती है या कहें रोना आता है उन बातों को सुनें. माता-पिता बच्चे की बात सुनकर और प्रोब्लम सोल्विंग नजरिया अपनाकर बच्चे की परेशानी दूर कर सकते हैं. पैरेंट्स का बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि गलती सुधारी जा सकती है और रोना मुश्किल का हल नहीं होता है. 
  3. कभी-कभी बच्चे को रोने देना भी जरूरी होता है. जितना ज्यादा बच्चे की भावनाओं (Feelings) को दबाने की कोशिश की जाती है उतना ही उसकी भावनाएं आहत होती हैं. आपने देखा होगा कि जब बच्चे को यह कहा जाता है कि 'हर बात पर रोना शुरू क्यों कर देते हो, बड़े हो जाओ, समझदार बनो' तो बच्चे का रोना और ज्यादा बढ़ जाता है. इसीलिए उसपर चीखने-चिल्लाने या उससे तंग आ जाने के बजाय उसकी भावनाओं को समझें. 
  4. घर में डर का माहौल ना हो इसका खास ध्यान रखें. कई बार बच्चे हर छोटी-बड़ी बात पर इसलिए रोने लगते हैं क्योंकि वे डर जाते हैं. आपके बच्चे से अगर कोई गलती होती है और उसे यह लगता है कि उसे सजा मिलेगी, डांट पड़ेगी या फिर किसी का मूड खराब हो जाएगा तो संभावना है कि बच्चा रोना शुरू कर देगा. बच्चा इमोशनली स्ट्रोंग बने इसके लिए ध्यार दें कि घर का माहौल उसे डराने वाला ना हो. 
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