Parenting Tips: परवरिश आसान काम नहीं है. माता-पिता की अक्सर ही यह कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाएं, उसे दुनिया की हर खुशी दें और उसे कभी कोई दुख छू ही ना पाए. लेकिन, जाने-अनजाने पैरेंट्स ऐसी गलतियां कर देते हैं जो बच्चे को मानसिक रूप से आहत करती हैं. कई बार बच्चे के मन-मस्तिष्क पर इतना असर पड़ता है कि वे बड़े होने के बाद भी कई इमोशंस को समझ नहीं पाता, अपने साथ-साथ दूसरों को भी दुख पहुंचाता है और कई बार तो बच्चा बड़ा होकर अपने बच्चों की परवरिश में भी यह गलतियां (Parenting Mistakes) दोहराता है. ऐसे में पैरेंट्स को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वे बच्चे की परवरिश करते हुए ऐसी मिस्टेक्स ना करें जिनसे बच्चे की मेंटल हेल्थ (Mental Health) प्रभावित हों. आप भी जानिए परवरिश की इन गलतियों के बारे में.
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परवरिश की गलतियां जो बच्चे की मेंटल हेल्थ को करती हैं प्रभावित
हर समय परफेक्शन मांगनाबच्चे बहुत से कामों को करने में परफेक्ट नहीं होते हैं. वे गिरते-संभलते चीजें सीखते हैं, गलती भी करते हैं और कुछ चीजों में बाकी बच्चों से बेहतर तो कुछ चीजों में पीछे भी होते हैं. लेकिन, बच्चे से हर समय परफेक्शन की अपेक्षा करना गलत होता है. बच्चा हर काम को परफेक्ट तरीके से नहीं कर सकता और माता-पिता की आकांक्षाओं पर खड़े ना हो पाना उसे आहत करता है.
बच्चे की तुलनाचाहे भाई बहन हों, रिश्तेदारों के बच्चे हों या फिर आस-पड़ोस और अन्य जान पहचान के बच्चे हों, अगर आप अपने बच्चे की दूसरे बच्चों से तुलना (Comparison) करेंगे तो उसके मन को चोट लगती ही है. कई बार बच्चों का दुख ईर्ष्या के रूप में नजर आता है तो कई बार वे चिड़चिड़े हो जाते हैं या कम बोलने लगते हैं. तुलना से बच्चे मानसिक तौर पर परेशान रहने लगते हैं.
बच्चे को प्यार ना जतानाइसमें कोई दोराय नहीं कि माता-पिता से ज्यादा शायद ही कोई बच्चे से प्यार कर सकता है. लेकिन, प्यार जताना भी जरूरी होता है. अगर बच्चे से प्यार ना जताया जाए तो उसे भी अपनी भावनाएं व्यक्त करने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में बच्चे की इमोशनल अंडरस्टेंडिंग भी कम होती है और बड़े होकर रिश्ते निभाने में उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
जरूरत से ज्यादा सख्तीबच्चे से जरूरत से ज्यादा सख्ती बरतने पर भी बच्चे में डर की भावना पैदा होने लगती है. इससे बच्चा झेंपने लगता है. इससे कई बार बच्चा स्कूल में भी अपना बेस्ट नहीं दे पाता है. बच्चों के साथ सख्ती और बहुत ज्यादा लाड़ दोनों ही उनकी मानसिक सेहत के लिए सही नहीं है.
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