
सुनील गावस्कर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पुणे की टीम का प्रदर्शन इस सीज़न कैसा रहा है..इसे बयां करने की जरूरत नहीं बस एक नज़र अंकतालिका पर डालने से पूरा हाल खुद-ब-खुद बयां हो जाता है। इसके पीछे कुछ वजहें तो ऐसी थीं जिनके बारे में शायद ही कुछ किया जा सकता हो। पुणे के कुछ अहम खिलाड़ी चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए, लेकिन कुछ के लिए पुणे टीम की खराब नीतियां ज़िम्मेदार रही हैं। यही वजह हे जो अब सुनील गावस्कर ने NDTV से बातचीत में साफ किया कि कहीं न कही अश्विन का खराब इस्तेमाल टीम को भारी पड़ा है और इसमें टीम को सुधार करना होगा।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अश्विन का इस्तेमाल ठीक तरह से नहीं किया गया है उस पर पुणे की टीम को ध्यान देना होगा। अश्विन जैसे अच्छे स्पिनर को कभी एक ओवर दे दिया, कभी उसे तीन ओवर दे दिए। यह गलत है। विश्व स्तर के सबसे अच्छे स्पिनरों में से एक हैं। अश्विन और उन पर भरोसा जताते हुए उनका सही इस्तेमाल करना होगा।
अश्विन ने 12 मैचों में 36 ओवर फेंके हैं। उन्हें महज 6 विकेट हासिल हुए हैं और इकॉनामी 7.27 की रही है। इस आंकड़ें से एक बात साफ है..अश्विन से उनके पूरे ओवर नहीं डलवाए गए।
अब इसके पीछे वजह अश्विन का खराब प्रदर्शन है या फिर खुद अश्विन का प्रदर्शन भरोसे की कमी के चलते खराब हुआ यह बात गौर करने वाली है। टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में भी अश्विन से धोनी ने पूरे ओवर नहीं डलवाए थे। वहां पर अश्विन को नो बॉल पर विकेट भी मिले थे, लेकिन उसके बाद अश्विन पर कप्तान का भरोसा नहीं दिखा।
इस सीज़न के शुरुआती मैच में ही कप्तान ने अश्विन से महज़ एक ओवर डलवाया, वहां अश्विन ने विकेट भी लिया, फिर कोलकाता के खिलाफ एक मैच में 2 ओवर डलवाए। कुछ मैचों में अश्विन ने 3-3 ओवर फेंके। इस तरह की बातों पर खुद कप्तान धोनी और टीम की तरफ से ऐसे बयान आते रहे हैं कि अश्विन पर उनका भरोसा कायम है लेकिन यह भी इस सीज़न में देखने को मिला है कि कोलकाता के खिलाफ एक मैच को छोड़ बाकी मैचों में कप्तान की पहली पसंद रविचंद्रन अश्विन नहीं दिखे हैं।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अश्विन का इस्तेमाल ठीक तरह से नहीं किया गया है उस पर पुणे की टीम को ध्यान देना होगा। अश्विन जैसे अच्छे स्पिनर को कभी एक ओवर दे दिया, कभी उसे तीन ओवर दे दिए। यह गलत है। विश्व स्तर के सबसे अच्छे स्पिनरों में से एक हैं। अश्विन और उन पर भरोसा जताते हुए उनका सही इस्तेमाल करना होगा।
अश्विन ने 12 मैचों में 36 ओवर फेंके हैं। उन्हें महज 6 विकेट हासिल हुए हैं और इकॉनामी 7.27 की रही है। इस आंकड़ें से एक बात साफ है..अश्विन से उनके पूरे ओवर नहीं डलवाए गए।
अब इसके पीछे वजह अश्विन का खराब प्रदर्शन है या फिर खुद अश्विन का प्रदर्शन भरोसे की कमी के चलते खराब हुआ यह बात गौर करने वाली है। टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में भी अश्विन से धोनी ने पूरे ओवर नहीं डलवाए थे। वहां पर अश्विन को नो बॉल पर विकेट भी मिले थे, लेकिन उसके बाद अश्विन पर कप्तान का भरोसा नहीं दिखा।
इस सीज़न के शुरुआती मैच में ही कप्तान ने अश्विन से महज़ एक ओवर डलवाया, वहां अश्विन ने विकेट भी लिया, फिर कोलकाता के खिलाफ एक मैच में 2 ओवर डलवाए। कुछ मैचों में अश्विन ने 3-3 ओवर फेंके। इस तरह की बातों पर खुद कप्तान धोनी और टीम की तरफ से ऐसे बयान आते रहे हैं कि अश्विन पर उनका भरोसा कायम है लेकिन यह भी इस सीज़न में देखने को मिला है कि कोलकाता के खिलाफ एक मैच को छोड़ बाकी मैचों में कप्तान की पहली पसंद रविचंद्रन अश्विन नहीं दिखे हैं।