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जैसे शिव की जटाओं से उतर रही हो गंगा... रुद्रप्रयाग में दिखा रौद्र रूप! चारधाम यात्रा पर बड़ा अपडेट

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है और तीर्थयात्रियों से 'जहां हैं, वहीं सुरक्षित ठहरने' की सलाह दी गई है. 

जैसे शिव की जटाओं से उतर रही हो गंगा... रुद्रप्रयाग में दिखा रौद्र रूप! चारधाम यात्रा पर बड़ा अपडेट
उत्तराखंड और हिमाचल में बारिश से तबाही
  • उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है.
  • हालांकि राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा फिर से बहाल कर दी गई है.
  • भूस्खलन के कारण कई सड़कें और हाईवे अवरुद्ध हैं.
  • उत्तरकाशी में 9 मजदूर लापता हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है.
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देहरादून/शिमला:

पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुदरत अपना रौद्र रूप दिखा रहा है. उत्तराखंड में चारधाम रूट पर मौसम की मार कुछ ज्यादा ही दिख रही है. देहरादून से बद्रीनाथ और केदारनाथ तक कई जगहों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. गांवों को जोड़ने वाली कई सड़कें कट गई हैं. केदारनाथ के पास से निकलने वाली मंदाकिनी और बद्रीनाथ के पीछे से आने वाली अलकनंदा का वेग कुछ ऐसा है कि कंपकंपी छूट रही है. रुद्रप्रयाग में दोनों नदियों के संगम पर अफनती हुई आगे बढ़ रही है. संगम पर 12 फीट की शिव मूर्ति का अद्भुत नजारा दिख रहा है. ऐसे लग रहा है मानों अलकनंदा शिव की जटाओं को छू रही हो. उससे निकल रही हो. घाट पर नारद शिला भी पूरी तरह से पानी में समाई हुई है. 

अलकनंदा-मंदाकिनी के संगम में दिखा रौद्ररूप

चारधाम यात्रा फिर हुई शुरू

राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा बहाल कर दी गई है. गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने सोमवार सुबह यह जानकारी दी. भारी बारिश को देखते हुए एक दिन के लिए चारधाम यात्रा रोक दी गई थी. दूसरी ओर उत्तराखंड के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सावधानी बरतें और मौसम पूरी तरह साफ होने तक अनावश्यक यात्रा से बचें.  कुछ जगहों पर बादल फटने की घटना भी हुई है और मौसम विज्ञान विभाग ने भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में शिक्षण संस्थानों में सोमवार को छुट्टी का आदेश जारी किया गया है. आइए जानते हैं, दोनों ही राज्यों के मौसम का हाल.  

उत्तराखंड में रेड अलर्ट 

उत्तराखंड में मौसम का कहर लगातार तीसरे दिन भी जारी है. मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर सहित कुल 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. तेज बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए चारधाम यात्रा को फिलहाल एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसे बहाल कर दिया गया है. 

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सड़कें बंद, हाईवे बाधित, नदियां उफान पर

गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे के कई हिस्सों में भारी भूस्खलन और मलबा गिरने से रास्ते पूरी तरह बंद हैं. गंगोत्री हाईवे नेताला, लालडांग और नलूणा में बंद है. यमुनोत्री मार्ग सिलाई बैंड के पास दूसरे दिन भी अवरुद्ध है. बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में देर रात से बंद है और दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. राज्य की प्रमुख नदियां गंगा और यमुना भी उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

केदारनाथ और आदि कैलाश यात्रा पर भी असर

रुद्रप्रयाग जिले में भी तेज बारिश ने तबाही मचाई है. केदारनाथ धाम जा रहे श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है. केदारनाथ हाईवे के विजयनगर इलाके में पहाड़ से बोल्डर और मलबा गिरने से कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है. आदि कैलाश यात्रा मार्ग भी दोबात में चट्टानें गिरने की वजह से फिर से बंद कर दिया गया है. धारचूला में रातभर मूसलाधार बारिश के कारण सड़क खोलने का काम धीमा पड़ गया है.

9 मजदूर लापता, राहत कार्य जारी

उत्तरकाशी जिले के सिलाई बैंड क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 9 मजदूरों के लापता होने की खबर है. जिला प्रशासन के अनुसार, SDRF, NDRF, राजस्व विभाग, NH बड़कोटा, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें राहत और खोजबीन के कार्य में जुटी हुई हैं.

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पुरोला कस्बे में मूसलाधार बारिश से कुमोला रोड की दुकानों में पानी घुस गया है. नालियों की सफाई न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर बहता हुआ दुकानों के भीतर घुस गया. कुछ दुकानों की फर्श पानी से लबालब हो गईं और लोग बाल्टी, जग से पानी निकालते नजर आए.

हिमाचल में भी बिगड़े हालात: स्कूल बंद, मौतें बढ़ीं

हिमाचल प्रदेश के 4 जिलोंकांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इन सभी जिलों में शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है. इसके अलावा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट और चंबा, कुल्लू, मंडी व शिमला में येलो अलर्ट जारी है. अब तक राज्य में 31 लोगों की मौत, 66 घायल और 4 लोग लापता हैं. कांगड़ा और कुल्लू में हाल ही में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.

शिमला के रामपुर में फटा बादल

शिमला के रामपुर में सुबह करीब 3 बजे बादल फटने से भारी नुकसान हुआ. रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के गांव सिक्कासरी नाला में बादल फटा. सिक्कासेरी निवासी राजेंद्र कुमार के मकान का एक हिस्‍सा भरभरा कर ढह गया और बादल फटने से आई बाढ़ में बह गया. इसमें मकान का एक कमरा और किचन वाला हिस्‍सा तबाह हो गया है. उनके गौशाला में एक गाय और 2 बछिया भी इस बाढ़ में बह गई. राजेंद्र के दो भाइयों गोपाल और विनोद की गौशाला, अनाज के गोदाम और खेतों में भारी नुकसान हुआ. बता दें कि पिछले वर्ष इसी इलाके के समेज में बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमे 36 लोगों की जानें चली गई थीं.  

मुख्यमंत्री की अपील- सावधानी बरतें

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और सभी नागरिकों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और आम नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है.

क्या करें, क्या न करें?

  • मौसम विभाग और स्‍थानीय प्रशासन की सलाह मानें. 
  • नदियों या भू-स्‍खलन वाले इलाकों में न जाएं.  
  • बहुत जरूरी हो तभी यात्रा करें. 
  • किसी भी तरह की अफवाहों पर भरोसा न करें. 
  • आपात स्थितियों में स्‍थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें. 
     

(इनपुट- नितिन चौहान)

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