प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रगान का सम्मान न करने पर पुलिस ने दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में रहने वाले जावेद अहमद तीली और उत्तरी कश्मीर के हंदवारा के रहने वाले मुदासिर अहमद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. जम्मू के नरवाल इलाके में सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजने पर दोनों युवकों ने खड़ा होने से मना कर दिया था.
दोनों को यहां अदालत से जमानत दे दी गई. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल देशभर के सिनेमा घरों को निर्देश दिया था कि वो फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाएं. न्यायालय ने कहा कि इस दौरान मौजूद सभी लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हों. दिव्यांगों को इससे छूट दी गई थी.
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय गान, यानी 'जन गण मन' से जुड़े एक अहम आदेश में कहा था कि देशभर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा, तथा सिनेमाघर में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा होना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय गान राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक देशभक्ति से जुड़ा है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ध्यान रखा जाए कि किसी भी व्यावसायिक हित में राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके अलावा किसी भी तरह की गतिविधि में ड्रामा क्रिएट करने के लिए भी राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं होगा, तथा राष्ट्रीय गान को वैरायटी सॉन्ग के तौर पर भी नहीं गाया जाएगा.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
दोनों को यहां अदालत से जमानत दे दी गई. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल देशभर के सिनेमा घरों को निर्देश दिया था कि वो फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाएं. न्यायालय ने कहा कि इस दौरान मौजूद सभी लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हों. दिव्यांगों को इससे छूट दी गई थी.
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय गान, यानी 'जन गण मन' से जुड़े एक अहम आदेश में कहा था कि देशभर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा, तथा सिनेमाघर में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा होना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय गान राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक देशभक्ति से जुड़ा है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ध्यान रखा जाए कि किसी भी व्यावसायिक हित में राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके अलावा किसी भी तरह की गतिविधि में ड्रामा क्रिएट करने के लिए भी राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं होगा, तथा राष्ट्रीय गान को वैरायटी सॉन्ग के तौर पर भी नहीं गाया जाएगा.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं