
- राधिका यादव की सबसे करीबी दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत ने कई खुलासे किए हैं.
- हिमांशिका ने बताया कि राधिका को उसके पिता द्वारा कड़ी पाबंदियों और नियंत्रण में रखा जाता था.
- हिमांशिका ने लव जिहाद के आरोपों को खारिज किया है और बताया है कि वो आठ सालों से राधिका को जानती थी. उसके परिवारवाले उसे कंट्रोल करते थे.
वीडियो कॉल्स पर भी उसे बताना पड़ता था कि देखो हिमांशी से बात हो रही है. उसके परिवार में बहुत रेस्ट्रिक्शन थे. वो अपने ही घर में दम घुटने जैसा महसूस करती थी. उसका खुद पर कोई कंट्रोल नहीं था... ये दावा किया है हिमांशिका सिंह राजपूत ने जो राधिका यादव की बेस्ट फ्रेंड होने का दावा कर रही हैं. हरियाणा के गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव हत्याकांड को लेकर हर रोज कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में राधिका यादव की सबसे करीबी दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत का बयान सामने आया है. हिमांशिका जो खुद टेनिस प्लेयर हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि वह राधिका यादव की सच्चाई जानती हैं. हिमांशिका सिंह के अनुसार राधिका उसकी बेस्ट फ्रेंड थी. ये दोनों एक दूसरे को पिछले आठ से दस साल से जानते थे. राधिका का परिवार उसे कंट्रोल करता था.
जानें क्या है पूरा मामला
- गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित सुशांत लोक फेज-2 में 25 वर्षीय बेटी राधिका यादव की हत्या हुई थी. जिसमें उनके पिता को आरोपी पाया गया. पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला कि बेटी राधिका यादव के टेनिस अकादमी चलाने से उनके पिता दीपक यादव नाराज थे.
- कथित तौर पर दीपक ने कई बार टेनिस अकादमी बंद करने के लिए कहा, लेकिन बेटी राधिका यादव नहीं मानी. इस पर पिता ने गोली मारकर बेटी की हत्या कर दी.
- नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपी पिता दीपक यादव को शनिवार को गुरुग्राम कोर्ट में पेश किया गया. जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. आरोपी पिता दीपक को भोंडसी जेल में रखा जाएगा.
- घटनास्थल से गुरुवार को पुलिस ने राधिका के पिता को पकड़ा था. रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को आरोपी दीपक को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया.
"राधिका खुलकर जीना चाहती थी"

"पापा बहुत कंट्रोल करते थे"
वीडियो में हिमांशिका की आंखें नम दिखीं, लेकिन शब्दों में दर्द के साथ गुस्सा भी था. हिमांशिका ने कहा कि उसे नहीं लगा था कि वह इस बारे में इतनी जल्दी बात करेंगी. लेकिन उसके पास कोई दूसरी च्वाइस नहीं थी. हिमांशिका ने बताया कि राधिका के पापा बहुत कंट्रोल करते थे. उसे तस्वीर खिंचवाना, वीडियो बनाना पसंद था. लेकिन सब धीरे-धीरे बंद हो गया. उसकी आजादी उन्हें नागवार थी. राधिका खुलकर जीना चाहती थी. लेकिन वो कहती थी उसके परिवार में बहुत रेस्ट्रिक्शन हैं. वो खुलकर हंसती थी लेकिन वो अपने ही घर में दम घुटने जैसा महसूस करती थी. उसका खुद पर कोई कंट्रोल नहीं था. ऐसे में कौन ही रहना चाहेगा. हर चीज के बारे में सफाई देते रहो कि क्यों कर रहे हैं, क्या कर रहे हैं.
लव जिहाद के आरोपों को किया खारिज
हिमांशिका ने इस मर्डर केस में लग रहे लव जिहाद के आरोपों को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो किसी के भी पास इस बारे में कोई सबूत क्यों नहीं हैं. राधिका की सहेली ने बताया कि राधिका को हर किसी से बात करने की अनुमति नहीं थी और उस पर कई तरह की पाबंदियां भी थीं. वह हर किसी से बात नहीं कर सकती थी, किसी से फोन पर बात करते समय उसे बताना पड़ता था कि वह किससे बात कर रही है.
"उसे अपने नियंत्रण में रखना चाहते थे"
अपना वीडियो शेयर करते हुए हिमांशिका सिंह राजपूत ने लिखा, ‘मेरी सबसे अच्छी दोस्त राधिका की हत्या उसके अपने पिता ने ही कर दी थी. उन्होंने उसे पांच गोलियां मारी थीं. जिनमें से चार गोलियां उसे लगीं. लगातार कई सालों तक उसकी आलोचना करके और उसे अपने नियंत्रण में रखकर उन्होंने उसका जीवन कष्टकारी बना दिया था. आखिरकार, उन्होंने अपने तथाकथित दोस्तों की बात मान ली जो उसकी सफलता से जलते थे. उसने अपने टेनिस करियर में बहुत मेहनत की और अपनी अकादमी भी बनाई. वह अपने लिए बहुत अच्छा कर रही थी. लेकिन वे लोग उसे स्वतंत्र नहीं देख सकते थे. वे उसे शॉर्ट्स पहनने, लड़कों से बात करने और अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने के लिए शर्मिंदा करते थे. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं पाई.

हिमांशिका ने कहा, मैं और राधिका ने 2012 या 13 में साथ खेलना शुरू किया था, हम साथ में ट्रैवल करते थे, हमने आपस में भी बहुत सारे मैच भी खेले थे. मैंने उसे किसी के साथ ज्यादा बात करते हुए भी नहीं देखा. हमेशा देखा था कि वो अपने पैरेंट्स के साथ ही रहती है. मुझे याद है कि वीडियो कॉल्स पर भी उसे बताना पड़ता था कि देखो हिमांशी से बात हो रही है. मैं उसके घर पर भी जाती थी. उसकी अकेडमी उसके घर से मुश्किल से 50 मीटर दूर थी. फिर भी उसके घर पर आने का एक टाइम तय था कि इससे लेट नहीं हो सकते. आप उसके घर से भी उसकी अकादमी देख सकते थे, जहां पर उसने कोचिंग स्टार्ट की थी. एक कोच के रूप में वह बहुत अच्छी थी, उसके सारे स्टूडेंट्स को वह पसंद थी.
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