
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफ़े पर अड़े हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक़ उन्होंने पार्टी नेताओं से साफ़ कह दिया है कि अध्यक्ष के पद के लिए कोई दूसरा विकल्प ढूंढा जाए. लेकिन पार्टी चाहती है कि वे किसी तरह मान जाएं. हालांकि इसकी गुंजाइश कम लगती है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला राहुल के घर पहुंचकर उनको मनाने की कोशिश की है. इनके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, केसी वेणुगोपाल और प्रमोद तिवारी भी राहुल से मिलने पहुंचे. करीब 45 मिनट राहुल के घर रहने के बाद गहलोत राहुल से मिलने के बाद निकल गए हैं. वैसे अब 4 दिन के भीतर CWC की बैठक बुलाई जाएगी जहां इस विकल्प की गुंजाइशों पर ग़ौर किया जाएगा.
10 बड़ी बातें
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के बाद कहा है कि राहुल गांधी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा यह समय इस्तीफा देने का नहीं, लेने का है. कांग्रेस का पुर्नगठन करना चाहिए.
आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा, यह राहुल जी का अपना निर्णय होगा. लेकिन मेरा मानना है कि विपक्ष की चौकीदारी की भूमिका शुरू हो गई है और हम इस्तीफा और इस्तीफे के तमाशों में जूझ रहे हैं, जिन्होंने हम पर भरोसा जताया है क्या हम उनके भरोसे को कमजोर नहीं कर रहे हैं.
वहीं फिल्मों से राजनीति में आए दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत ने कहा है कि राहुल गांधी को इस्तीफा देने के बजाए खुद को साबित करना चाहिए. लोकतंत्र में सत्ता के साथ-साथ विपक्ष भी महत्वपूर्ण होता है.
आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राहुल के इस्तीफ़े की पेशकश आत्मघाती है. विपक्षी पार्टियों का एक ही लक्ष्य था बीजेपी को हटाना लेकिन इसे राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में नाकाम रहे. भारत जैसे एक बहुआयामी और विविधता वाले देश में एक ख़ास चुनाव का नतीजा कभी सच्चाई को बदल नहीं सकता.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस को संकट की स्थिति से बाहर निकालने के लिए राहुल गांधी सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति हैं. थरूर ने कहा कि कांग्रेस के पास बैठकर घाव सहलाने का समय नहीं है, राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों के लिए उसे खुद को तत्काल तैयार करना होगा.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि अब राहुल गांधी अब अपना मन नहीं बदलेंगे हालांकि वह चाहते हैं कि राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहें.
तरुण गोगोई ने यह भी कहा कि राहुल गांधी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से खुश नही हैं. राहुल को चाहते थे कि वह मेहनत करें लेकिन ये सभी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.
वहीं सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस्तीफे के निश्चय को काफी हद तक मान चुकी है और नए कांग्रेस अध्यक्ष की संभावना बनती जा रही है. हालांकि नया अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की स्वीकृति से ही बनेगा.
सूत्रों के हवाले पता चला है कि राहुल गांधी ने एक महीने के अंदर नया अध्यक्ष चुनने की बात पार्टी नेताओं से कही है.
कांग्रेस इस समय मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में बीजेपी से अपनी सरकार बचाने के लिए जूझ रही है. वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस न सिर्फ करारी हार मिली है बल्कि वह अमेठी की सीट भी हार गई है.