कोरोना संकट (Corona Crisis) के कारण वृंदावन में रहने वाली विधवा महिलाएं इस साल रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2020) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को राखी (Rakhi) नहीं बांध पाएंगी. गुरुवार को एक NGO ने बताया कि इन महिलाओं ने पीएम मोदी (PM Modi) को हाथों से बनी 501 राखियां और बड़ी संख्या में मास्क भेजे हैं. इन खास तरह की राखियों पर पीएम मोदी (PM Modi) की तस्वीरें बनी हैं, जबकि मास्क पर वृंदावन की तस्वीरों के साथ 'आत्मनिर्भर' और 'सुरक्षित रहें' जैसे संदेश लिखे हुए हैं. पिछले साल तक यह विधवा महिलाएं पीएम मोदी को राखी बांधने दिल्ली स्थित उनके निवास पर आती रहीं थी. एनजीओ सुलभ ने बताया कि इस साल कोरोना के प्रकोप तय किया गया है कि राखी बांधने जाने के बजाय इसे प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा. यह राखियां प्रधानमंत्री तक शुक्रवार को पहुंच जाएंगी. बता दें कि 3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा.
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75 साल की छबी दासी ने पिछले साल पीएम मोदी को खुद राखी बांधी थी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से कोरोना की वजह से हम आश्रम से बाहर नहीं जा पा रहे हैं. इस बात से थोड़ी निराशा जरूर हुई थी लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से हम प्रधानमंत्री के लिए राखियां और मास्क बना रहे हैं जिससे हमें खुशी मिली. उन्होंने कहा कि मैंने खुद अपने हाथों से पीएम मोदी के लिए मास्क बनाए हैं, जिन पर उनकी तस्वीरों के साथ 'आत्मनिर्भर' और 'सुरक्षित रहें' जैसे संदेश लिखे हुए हैं.
बता दें कि पीएम मोदी के लिए यह राखियां वृंदावन के 'मां शारदा' और 'मीरा सागरभजिनी' आश्रमों से विधवाओं के समूह द्वारा भेजी गई हैं. पिछले साल तक हजारों महिलाओं की तरफ से 4 से 5 महिलाएं प्रधानमंत्री आवास पर राखियां बांधने और मिठाई खिलाने पहुंचती थीं लेकिन इस साल कोरोना की वजह से इस रिवाज को रोक दिया गया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं