केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 'राजनीतिक धर्मनिरपेक्षवादियों' को निशाने पर लेते हुए सोमवार को कहा कि अपने राजनीतिक हितों के लिए अल्पसंख्यकों के बीच खौफ का माहौल पैदा करने और गुमराह करने से अब उन्हें बाज़ आना चाहिए।
उन्होंने वक्फ संपत्तियों को 'वक्फ माफियाओं' से मुक्त कराए जाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रचार अभियान चलाने की जरूरत बताई।
कांग्रेस पर भी परोक्ष हमला बोलते हुए नकवी ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों के कल्याण के कोषों का ठीक से खर्च नहीं किया गया और बिचौलियों तथा 'सत्ता के दलालों' द्वारा उसे 'लूटा' गया।
अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री ने केन्द्रीय वक्फ भवन के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला भी मौजूद थीं।
नकवी ने दावा किया, 'पिछले छह दशकों से कागजों पर बहुत कुछ हुआ, लेकिन यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए न्याय नहीं किया गया। इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति या अन्य बातें रही होंगी, मैं उनमें नहीं जाना जाहता।' उन्होंने कहा, 'इन तथा कथित धर्मनिरपेक्षवादियों के बीच इन समुदायों को राजनीतिक रूप से शोषित करने की होड़ लगी थी। इसके कारण अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों का विकास कागजों तक ही सीमित रहा।'
अल्पसंख्यकों, विशेषत: मुसलमानों से नकवी ने कहा कि वे केन्द्र सरकार का मूल्यांकन उसके कार्यों के आधार पर करें ना कि उन लोगों की नजर से जो मुस्लिम समुदाय का राजनीतिक शोषण करने के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों की शिक्षा, विकास और सशक्तिकरण के नाम पर जितना धन खर्च किया किया गया उससे तो अब इन वर्गों से संबंधित एक भी व्यक्ति को गरीबी रेखा के नीचे नहीं रहना चाहिए था।
नकवी ने आरोप लगाया, 'धन सही ढंग से खर्च नहीं किया गया और बिचौलियों तथा सत्ता के दलालों ने उस धन को लूटना जारी रखा। हमें ऐसे तत्वों को नियंत्रित करने की जरूरत है और इस सरकार ने ऐसा किया है।' उन्होंने कहा, मोदी सरकार की यह प्राथमिकता है कि वह यह सुनिश्चित करे की एक-एक पाई लोगों को लाभ पहुंचाने में खर्च हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह कई राज्यों के दौरे पर गए लेकिन राज्यों द्वारा इस खर्च किए गए धन का जो प्रभाव दिखना चाहिए था वह जमीनी हकीकत पर दिखाई नहीं दिया।
उनके कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में नकवी ने यह भी कहा कि 'राजनीतिक धर्मनिरपेक्षवादियों' को अपने राजनीतिक हितों के लिए अल्पसंख्यकों के बीच खौफ का माहौल पैदा करने और उन्हें गुमराह करने से बाज़ आना चाहिए।
उन्होंने वक्फ संपत्तियों को 'वक्फ माफियाओं' से मुक्त कराए जाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रचार अभियान चलाने की जरूरत बताई।
कांग्रेस पर भी परोक्ष हमला बोलते हुए नकवी ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों के कल्याण के कोषों का ठीक से खर्च नहीं किया गया और बिचौलियों तथा 'सत्ता के दलालों' द्वारा उसे 'लूटा' गया।
अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री ने केन्द्रीय वक्फ भवन के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला भी मौजूद थीं।
नकवी ने दावा किया, 'पिछले छह दशकों से कागजों पर बहुत कुछ हुआ, लेकिन यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए न्याय नहीं किया गया। इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति या अन्य बातें रही होंगी, मैं उनमें नहीं जाना जाहता।' उन्होंने कहा, 'इन तथा कथित धर्मनिरपेक्षवादियों के बीच इन समुदायों को राजनीतिक रूप से शोषित करने की होड़ लगी थी। इसके कारण अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों का विकास कागजों तक ही सीमित रहा।'
अल्पसंख्यकों, विशेषत: मुसलमानों से नकवी ने कहा कि वे केन्द्र सरकार का मूल्यांकन उसके कार्यों के आधार पर करें ना कि उन लोगों की नजर से जो मुस्लिम समुदाय का राजनीतिक शोषण करने के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों की शिक्षा, विकास और सशक्तिकरण के नाम पर जितना धन खर्च किया किया गया उससे तो अब इन वर्गों से संबंधित एक भी व्यक्ति को गरीबी रेखा के नीचे नहीं रहना चाहिए था।
नकवी ने आरोप लगाया, 'धन सही ढंग से खर्च नहीं किया गया और बिचौलियों तथा सत्ता के दलालों ने उस धन को लूटना जारी रखा। हमें ऐसे तत्वों को नियंत्रित करने की जरूरत है और इस सरकार ने ऐसा किया है।' उन्होंने कहा, मोदी सरकार की यह प्राथमिकता है कि वह यह सुनिश्चित करे की एक-एक पाई लोगों को लाभ पहुंचाने में खर्च हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह कई राज्यों के दौरे पर गए लेकिन राज्यों द्वारा इस खर्च किए गए धन का जो प्रभाव दिखना चाहिए था वह जमीनी हकीकत पर दिखाई नहीं दिया।
उनके कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में नकवी ने यह भी कहा कि 'राजनीतिक धर्मनिरपेक्षवादियों' को अपने राजनीतिक हितों के लिए अल्पसंख्यकों के बीच खौफ का माहौल पैदा करने और उन्हें गुमराह करने से बाज़ आना चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राजनीतिक धर्मनिरपेक्षवादी, नजमा हैपतुल्ला, वक्फ बोर्ड, Central Minister Mukhtar Abbas Naqvi, Political Secularits, Najma Heptullah, Waqf Board